चाणक्य द्वारा बताये गए दरिद्रता के संकेत, आपके घर में तो नहीं है मौजूद
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चाणक्य द्वारा बताये गए दरिद्रता के संकेत, आपके घर में तो नहीं है मौजूद
कूटनीति, अर्थनीति और राजनीति के महान विद्वान चाणक्य जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना चाहता था। यह एक महाज्ञानी थे जिनका संबंध चंद्रगुप्त मौर्य की राज्यप्राप्ति से रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह उस समय के एक प्रसिद्ध विद्वान थे जिनकी बातें आज के समय में भी सटीक और उपयोगी है। आज हम आपको चाणक्य के द्वारा बताये गए आर्थिक संकट के संकेत बताएंगे जिनके दिखने पर व्यक्ति को सावधान हो जाना चाहिए।
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आचार्य चाणक्य ने शीशे का टूटना आर्थिक संकट का एक संकेत माना है। इनके अनुसार घर में शीशे का टूटना शुभ नहीं होता है। चाणक्य के अनुसार यह एक अपशकुन है और इसके कारण आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक समस्याओं का संकट इतना गहरा हो सकता है कि घर में दरिद्रता और नकारात्मकता भी आ सकती है।
तुलसी का पौधा सबसे पवित्र पौधा है इसे हर घर में लगाया जाता है। इससे घर में हमेशा सकारात्मकता और ईश्वर की कृपा बनी रहती है। लेकिन यदि घर में यही तुलसी का पौधा सूखने लगे तो घर में आर्थिक संकट आने का इशारा करता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि घर में लगे तुलसी के पौधे का पूरा ध्यान रखना चाहिए ताकि वह हमेशा हरा भरा रहे और घर में सुख समृद्धि आती रहे।
घर में पूजा पाठ अवश्य करना चाहिए यह बात तो हर कोई कहता क्या आप जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने इस बारे में क्या कहा है? आचार्य चाणक्य कहते हैं कि घर में नियमित रूप से पूजा पाठ करने से घर का शुद्धिकरण होता है और माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। लेकिन जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता है वहां दरिद्रता का वास होता है।
घर के सभी सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और सुख शांति बनी रहनी चाहिए यदि घर में प्रतिदिन क्लेश होता रहता है तो उससे घर का माहौल तो खराब होता ही है साथ ही घर में रहने वाले लोगों की जीवन शैली बिगड़ती है। ऐसे लोग चिड़चिड़े और गुस्से में रहते हैं जिसके कारण समाज में उनकी प्रतिष्ठा कम होती चली जाती है। घर में हमेशा क्लेश रहने से माँ लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है और साथ ही कड़ी मेहनत के बाद भी जीवन में असफलता का सामना करना पड़ता है। यदि आप एक सफल और सुखी जीवन चाहते हैं तो घर में सुख शांति बनाकर रखें।
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अंत में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी बड़े बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए। जिस घर में छोटे, बड़ों का अपमान करते हैं उस घर में कभी भी माँ लक्ष्मी वास नहीं करती हैं और घर से सुख समृद्धि चली जाती है। बड़े बुजुर्गों का अपमान करने से उनका दिल दुखता है जिसके कारण कई बार वह बद्दुआ भी दे देते हैं। ऐसे में परिवार के लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। छोटे हों या बड़े सभी लोग एक दूसरे का आदर सम्मान करें।
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