Chanakya Niti, Motivation Thought in Hindi : लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है. चाणक्य के अनुसार धन की देची लक्ष्मी जी उसी को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं जो जीवन को अनुशासित ढंग से जीता है. अवगुणों से मुक्त रहकर लोक कल्याण के हितों का ध्यान रखकर कार्य करता है. इसके साथ ही इन बातों को मानने से भी लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है.
ऐसे लोगों का हो जाता है पतन
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को आदर सम्मान तभी प्राप्त होता है जब वो श्रेष्ठ कार्यों को करता है. उत्तम गुणों को अपना लक्ष्यों को पाता है. जब व्यक्ति गलत आचरण करने लगता है. ऐसे कार्यों को करने लगता है, जो श्रेष्ठ और उत्तम नहीं माने जाते हैं तो उसका पतन आरंभ हो जाता है.
हर प्रकार की निंदा से दूर रहें
चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति बुराई करता है और दूसरों की बुराई को सुनने में रूचि रखता है. ऐसा व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता है. यदि किसी भी तरह से सफलता मिल भी जाए तो ये अधिक समय तक कायम नहीं रहती है. बुराई करने और सुनने वाले को लक्ष्मी जी कभी पसंद नहीं करती है. ऐसे लोगों को वे अपना आशीर्वाद भी नहीं देती हैं. बुराई करने और सुनने वाला व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है. ऐसे व्यक्ति के बारे में जब दूसरों को पता चलता है तो वे दूरी बना लेते हैं. धीरे-धीरे ऐसे व्यक्ति से हर कोई दूरी बनाने लगता है. एक समय ऐसा भी आता है जब इन्हें दुख और कष्ट उठाना पड़ता है.
धन का लोभ, मनुष्य को पाप करने के लिए प्रेरित करता है
चाणक्य नीति कहती है दूसरों के धन पर कभी भी गलत दृष्टि नहीं रखना चाहिए. इससे लक्ष्मी जी नाराज होती हैं. दूसरों के धन पर जो लोग नजर लगाए रहते हैं ऐसे लोगों को भी सुख-शांति प्राप्त नहीं होती है. इसके साथ गलत कार्यों को करने के लिए प्रेरित होते हैं. समय रहते यदि इस आदत से छुटकारा न पाया जाए तो ये बड़ी मुसीबत और दुख को भी जन्म देता है.
नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
चाणक्य नीति कहती है कि ये शरीर अनमोल है. इससे हर संभव प्रयासों से सुंदर रखने का प्रयास करना चाहिए. जो लोग नशा आदि करते हैं, वे अपनी सेहत को तो हानि पहुंचाते ही हैं साथ ही साथ धन की भी हानि करते हैं. नशा तन, मन और धन का नाश करता है. नशा व्यक्ति की प्रतिभा और कुशलता को भी नष्ट करता है. नशा करने वाले को लक्ष्मी जी भी छोड़कर चली जाती है. ऐसे लोगों को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है.
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