Saturday, April 2, 2022
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Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त, भोग, विधि


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Chaitra Navratri 2022

Highlights

  • मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को संदेश देती हैं कि परिश्रम से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है ।
  • नवरात्र के दूसरे दिन केशों को ठीक स्थान पर रखने के लिए माता को रेशम की पट्टी देनी चाहिए ।
  • मंगल सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करना बड़ा ही लाभदायी होगा ।

चैत्र नवरात्र का हर दिन मां दुर्गा के विभिन्न नौ रूपों में से किसी न किसी एक रूप से संबंध रखता है । चैत्र नवरात्र के दूसरा दिन का संबंध मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी से है । आज मां दुर्गा की ब्रह्मचारिणी स्वरूप में पूजा की जायेगी । यहां ‘ब्रह्म’ शब्द का अर्थ तपस्या से है और ‘ब्रह्मचारिणी’ का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली । मां दुर्गा का ये स्वरूप अनन्त फल देने वाला है ।

कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

कहते हैं आज जो भी व्यक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है, वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में जीतने की शक्ति हासिल कर सकता है । इससे व्यक्ति के अंदर संयम, धैर्य और परिश्रम करने के लिये मनोबल की भी बढ़ोतरी होती है । अगर आप भी किसी कार्य में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो आज आपको देवी ब्रह्मचारिणी के इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए । देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र इस प्रकार है-

”ऊं ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम: ।”

आज आपको इस मंत्र का कम से कम एक माला, यानि 108 बार जाप करना चाहिए । इससे विभिन्न कार्यों में आपकी जीत सुनिश्चित होगी साथ ही आज माता को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान मिलता है ।  इसके साथ ही नौ ग्रहों में से मंगल के ऊपर मां ब्रह्मचारिणी का आधिपत्य रहता है । लिहाजा मंगल सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करना बड़ा ही लाभदायी होगा ।

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सफेद वस्त्र धारण किये हुए मां ब्रह्मचारिणी के दो हाथों में से दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल है । इनकी पूजा से व्यक्ति के अंदर जप-तप की शक्ति बढ़ती है । मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को संदेश देती हैं कि परिश्रम से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है । कहते हैं नारद जी के उपदेश से मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी । इसलिए इन्हें तपश्चारिणी भी कहा जाता है । मां ब्रह्मचारिणी कई हजार वर्षों तक जमीन पर गिरे बेलपत्रों को खाकर भगवान शंकर की आराधना करती रहीं और बाद में उन्होंने पत्तों को खाना भी छोड़ दिया, जिससे उनका एक नाम अपर्णा भी पड़ा । लिहाजा देवी मां हमें हर स्थिति में परिश्रम करने की और कभी भी हार न मानने की प्रेरणा देती हैं । 

माता को क्या करें भेंट

शास्त्रों के अनुसार नवरात्र में प्रत्येक नौ दिनों के दौरान देवी मां को कुछ न कुछ भेंट करने का विधान है । जैसे कि- कल हमने आपको बताया था कि नवरात्र के पहले दिन देवी मां को शरीर में लेपन के तौर पर लगाने के लिए चंदन और केश धोने के लिए त्रिफला चढ़ाना चाहिए । त्रिफला में आंवला, हर्रड़ और बहेड़ा डाला जाता है । नवरात्र के दूसरे दिन केशों को ठीक स्थान पर रखने के लिए माता को रेशम की पट्टी देनी चाहिए । जो लोग कल की भेंट देवी मां को न दे पाये हों, वो कल और आज, दोनों दिन की भेंट देवी मां को आज ही दे दें ।

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नवरात्र के दूसरे दिन किये जाने वाले विशेष उपाय

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बहुत ही मेधावी, होनहार, इंटेलिजेंट और कार्यकुशल हो, तो आज आपको थोड़ी-सी ब्राह्मी बूटी लेकर उस पर 108 बार ये मंत्र पढ़ना चाहिए । मंत्र है- 

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।


नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

यह मंत्र पढ़ने के बाद उस ब्राह्मी को अपने बच्चे को खिला दें और आज से सात दिन तक लगातार ऐसा ही करें । आज यह उपाय करने से आपका बच्चा बहुत ही मेधावी होगा।

 अगर आप चाहते हैं कि आपकी संतान बहुत जल्दी तरक्की के शिखर पर पहुंच जाये, तो आज सात दालों का चूरा बनाकर । उन पर इस मन्त्र का ग्यारह सौ बार इस मन्त्र का जप करें । मन्त्र है-

या देवी सर्वभूतेशु विद्यारूपेण संस्तिथा,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः’

इसके बाद बच्चे के हाथ से स्पर्श कराकर किसी पेड़ की जड़ में रखे या चिड़िया को खिलाएं । आज के दिन ऐसा करने से आपके संतान की तरक्की होगी।

अगर आपने किसी से कर्ज़ ले रखा है और बहुत कोशिशों के बाद भी वह नही उतर रहा है तो आज माता की पूजा के समय सवा किलो साबुत लाल मसूर, लाल कपड़ें में बांधकर अपने सामने रख दें और फिर घी का दीपक जलाकर माता के इस मंत्र का 108 बार जप करें । मंत्र है-

दधानां कर पद्माभ्यां अक्षमाला कमण्डलुम्।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणीः अत्युत्तमा॥

पूजा समाप्त होने के पश्चात मसूर को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर किसी भी सफाई कर्मचारी को दान में दे दें ।   

अगर आप अपने दाम्पत्य जीवन में परस्पर प्रेम और सहयोग बनए रखना चहते है, तो लाल या काले गुंजा के पाँच दाने लेकर उसे एक मिट्टी के बर्तन अथवा मिट्टी के दिये में शहद भरकर उसमें डुबो कर सुरक्षित रख दें । ध्यान रहे जो भी यह उपाय कर रहा हो वह अपने जीवनसाथी का नाम अवश्य ही लेता रहे । इस उपाय को अपने जीवनसाथी या किसी को भी ना बताये ।  आज ऐसा करने से आपके दाम्पत्य जीवन में प्रेम और सहयोग बना रहेगा।

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यदि आपके घर मे धन कमी रहती हो, कमाई के बाद भी पर्याप्त धन नहीं बचता हो तो आज स्नान आदि के बाद एक साबुत फिटकरी का टुकड़ा जो कम से कम 50 ग्राम का हो काले कपड़े में सिलकर घर या ऑफिस के मुख्य द्वार पर टाँग दे । अगर फटकरी टाँगना संभव ना हो तो फिटकरी को घर में ही काले कपड़े में लपेटकर रख दें ।  आज ऐसा करने से आप बैंक बैलेंस बढ़ाने में सफल होंगे।

अगर आप अपने करियर मे तरक्की करना चाहते है तो आज थोड़ा सा कच्चा सूत लेकर उसे केसर से रंग लें, इस रंगे हुए सूत को अपने व्यापार स्थल में बांध लें और नौकरी करने वाले इसे अपनी अलमारी, दराज, मेज कहीं भी रख सकते हैं। आज ऐसा करने से आपके करियर में तरक्की होगी ।

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को उत्तम विद्या की प्राप्ति हो, तो आज आपको चमेली या किसी अन्य सफेद फूल के साथ ही 6 लौंग और एक कपूर लेकर देवी मां के सामने आहुति देनी चाहिए और आहुति देते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है-

या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अगर आप जीवन के किसी क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं, अपने करियर में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो आज आपको देवी ब्रह्मचारिणी के मंत्र का 11 बार जाप करना चाहिए । देवी मां का मंत्र इस प्रकार है-

दधानां कर पद्माभ्यां अक्षमाला कमण्डलुम्।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणीः अत्युत्तमा॥

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अगर आप अपने ज्ञान में बढ़ोतरी करना चाहते हैं और अपनी उथल-पुथल जिन्दगी में थोड़ी-सी शान्ति पाना चाहते हैं, तो आज आपको मां ब्रह्मचारिणी के स्तोत्र का पाठ करना चाहिए । देवी मां का स्तोत्र इस प्रकार है-

तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।

ब्रह्मरूप धरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

शङ्कर प्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।

शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥।

अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है और उसके चलते आपको अपने लिये शादी का कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिल पा रहा है, तो आपको आज नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद पाकर सिद्ध किया हुआ मंगल यंत्र धारण करना चाहिए । आज ऐसा करने से आपके जन्मपत्रिका से मांगलिक दोष दूर होंगे।

 अगर आप अपने सुख-सौभाग्य में वृद्धि करना चाहते हैं साथ ही जीवनसाथी के साथ रिश्तों को बेहतर बनाये रखना चाहते हैं, तो आज आपको भगवान शिव और माता गौरी की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए । साथ ही इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए । मंत्र है-

ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः।





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