चैत्र नवरात्रि उपवास नियम: क्या करें और क्या न करें
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चैत्र नवरात्रि उपवास नियम: क्या करें और क्या न करें
चैत्र नवरात्रि के दौरान उपवास पूजा कर रहे हैं तो इस नवत्रात्रि क्या करें और क्या न करें, इस बात का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक होता है. नौ दिनों का उपवास और मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा के साथ व्यतीत होता है. नवरात्रि नौवें दिन समाप्त होता है जिसे राम नवमी कहा जाता है और पृथ्वी पर भगवान राम के जन्मदिवस के रुप में मनाया जाता है. साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है. चैत्र नवरात्रि के दौरान मनाए जाने वाले दुर्गा के अवतार शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री हैं.
नवरात्रि स्पेशल – 7 दिन, 7 शक्तिपीठ में श्रृंगार पूजा।
नवरात्रि पर किए जाने वाले कार्य
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना करना न भूलें, यह त्योहार के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है.
नवरात्रि के सभी दिनों में दशमी तक अखंड दीपक जलाना चाहिए. यदि यह आपके लिए संभव नहीं है, तो आप त्योहार के समापन तक हर दिन सुबह और शाम को आरती भी कर सकते हैं.
नवरात्रि के सभी दिनों में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.
देवी मां के सभी अवतारों को लाल पुष्प चढ़ाने चाहिए. पूजा के दौरान लाल, श्वेत, पीले वस्त्रों को धारण करना चाहिए.
प्रतिदिन माता को सिंगार अर्पित करने का प्रयास करना चाहिए.
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।
चैत्र नवरात्रि में नहीं करने चाहिए ये काम
नवरात्रि के नौ दिनों तक तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए.
शराब या कोई अन्य प्रकार का नशा, मांसाहारी भोजन इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए.
प्याज या लहसुन का उपयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए.
नवरात्रि के दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए.
नवरात्रि के नौ दिनों तक कोई गलत कार्यों को नहीं करना चाहिए.
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