12 अप्रैल. क्रिकेट के इतिहास में यह तारीख ब्रायन लारा (Brian Lara) के नाम दर्ज है. वेस्टइंडीज के इस महान खिलाड़ी ने 18 साल पहले आज ही के दिन (On This Day) वह कारनामा किया था, जो क्रिकेट में ना तो पहले कभी हुआ था और ना उसके बाद देखने को मिला. शायद ऐसी ही उपलब्धियों के बारे में कहा गया है ना भूतो ना भविष्यति. अब क्रिकेट में भविष्य बताना तो हमेशा ही जोखिमभरा काम रहा है. बड़े-बड़े खां इस मामले में गच्चा खा गए और खाते रहे हैं. इसीलिए हम यहां उस उपलब्धि की बात कर लेते हैं, जिसके कारण 12 अप्रैल आते ही ब्रायन लारा की बल्लेबाजी का दृश्य आंखों के सामने आ जाता है. लारा ने आज ही के दिन 400 रन की पारी खेली थी और टेस्ट क्रिकेट में यह मकाम हासिल करने वाले पहले क्रिकेटर बने थे.
‘लारा! क्या है मारा…’, यह स्लोगन तो नाइंटीज के दशक में बच्चे के जुबान पर हुआ करता था. लेकिन यकीन मानिए इंग्लैंड की क्रिकेट टीम, खासकर उसके कम से कम 11 क्रिकेटर भी ऐसे हैं, जो ताजिंदगी यह कहते रहेंगे ‘लारा! क्या है मारा…’ कोई बड़ी बात नहीं कि मरहूम शेन वॉर्न की तरह उनके सपने में भी चौके-छक्के दिखाई देते हों. वॉर्न ने भारत दौरे पर पिटाई लगने के बाद कहा था कि उन्हें सपने में सचिन तेंदुलकर के सपने दिखाई देते हैं. खैर विषयांतर नहीं करते हैं. लारा की 400 रन की पारी में लौटते हैं.
10 अप्रैल 2004 को जब वेस्टइंडीज की ब्रायन लारा की कप्तानी में मैदान पर उतरी तो उसके सामने दो बड़े चैलेंज थे. पहला इंग्लैंड के खिलाफ क्लीन स्वीप से बचना. क्योंकि वह सीरीज के पहले तीन टेस्ट मैच हार चुकी थी. दूसरा चैलेंज खुद लारा के सामने था. उनकी कप्तानी जानी तो थी, लेकिन इस दिग्गज के रुतबे पर सवाल उठ रहे थे, जिसे हासिल करने में इस खिलाड़ी ने तकरीबन 15 साल लगा दिए थे.
क्रिकेट में हमने सैकड़ों दफा देखा है कि जब टीम को जरूरत होती है, तब बड़े खिलाड़ी अक्सर कुछ ऐतिहासिक करते हैं. इस बार यह काम लारा को करना था. ब्रायन लारा सेंट जोंस पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच के पहले ही दिन पहला विकेट गिरने पर मैदान पर उतरे. इसके बाद तो भूचाल आ गया. लारा ने घायल शेर की तरह हमला किया और इंग्लैंड के गेंदबाज लस्त-पस्त नजर आए. मैच के पहले दिन बारिश भी आई और इस कारण सिर्फ 52 ओवर का खेल हो सका. लारा 86 और रामनेरश सरवन 41 रन पर नाबाद लौटे.
मैच के पहले दिन बारिश आई तो दूसरे दिन लारा का तूफान आया. बाएं हाथ के इस बैटर ने दूसरे दिन 86 रन से आगे खेलना शुरू किया और दिन खत्म होते-होते अपना स्कोर 313 रन रन पहुंचा दिया. दो दिन के बाद वेस्टइंडीज का स्कोर था 5 विकेट पर 595 रन. यह एक विनिंग स्कोर था. लारा भी तिहरा शतक लगा चुके थे और टेस्ट क्रिकेट में क्वाड्रपल सेंचुरी कभी लगी नहीं थी. सब सोच रहे थे कि ब्रायन लारा तीसरे दिन का खेल शुरू होते ही पारी घोषित कर देंगे और इंग्लैंड करता नजर आएगा. लेकिन लारा तो कुछ और ही सोच रहे थे.
कुछ साल पहले 375 रन की पारी खेल चुका यह बल्लेबाज अब व्यक्तिगत स्कोर का वह पहाड़ खड़ा करना चाह रहा था, जिसके बारे में सिर्फ ख्वाब देखा गया हो. लारा तीसरे दिन भी बैटिंग करने उतरे और तब तक बैटिंग करते रहे जब तक उनका स्कोर 400 रन नहीं पहुंच गया. इस मैच में उनका खेल वन-वे कम्युनिकेशन जैसा रहा. वे बैटिंग करते रहे और इंग्लैंड के गेंदबाज असहाय से बस मार खाते रहे. अंग्रेज गेंदबाज उस दिन जैसे दीन-हीन दिखे, वैसा तो शायद डॉन ब्रैडमैन के सामने नहीं दिखे थे.
ब्रायन लारा ने तीसरे दिन लंच-ब्रेक के थोड़ी देर बाद 400 रन का पहाड़ खड़ा किया. वे इसके लिए 773 मिनट तक क्रीज पर रहे और 582 गेंदों का सामना किया. लारा की इस ऐतिहासिक पारी में 43 चौके और 4 छक्के जमाए. लारा की इस पारी ने ना सिर्फ उनकी बादशाहत कायम की, बल्कि वेस्टइंडीज को भी वाइटवॉश से बचाया.
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