अल सल्वाडोर की लॉन्ग टर्म फॉरन-करेंसी जारीकर्ता की रेटिंग पहले बी-ग्रेड पर थी। उसे फिच रेटिंग्स में ‘जंक ग्रेड’ में लिस्ट कर दिया गया है। वहीं, टॉप-3 में मूडीज और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P) के साथ अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी शामिल हैं।
फिच रेटिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने से अल-साल्वाडोर को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पिछले साल नवंबर में अल-सल्वाडोर की आर्थिक स्थिरता पर चिंता व्यक्त की थी। तब IMF ने कहा था कि बिटकॉइन की अस्थिरता को देखते हुए करेंसी के रूप में इसका इस्तेमाल करने से वित्तीय स्थिरता के लिए खतरे हैं। बिटकॉइन को करेंसी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
हालांकि IMF के सुझाव का अल-साल्वाडोर पर कोई असर नहीं पड़ा। देश के ट्रेजरी मंत्री एलेजांद्रो जेलया ने इस महीने की शुरुआत में बिटकॉइन को करेंसी के रूप में छोड़ने की IMF की सिफारिश को गुस्से में खारिज कर दिया था।
90 देशों के ग्रुप ग्लोबल फाइनेंशियल ऑर्गनाइजेशन ने अल-साल्वाडोर को बिटकॉइन से जुड़े 150 मिलियन डॉलर (लगभग 1,120 करोड़ रुपये) के ट्रस्ट फंड को भंग करने का सुझाव दिया गया था। इस ट्रस्ट फंड का मकसद बिटकॉइन के अमेरिकी डॉलर में स्विच करने की अनुमति देना था और लोगों को बिटकॉइन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
इस देश के पास 1500 से ज्यादा बिटकॉइन (Bitcoin) हो सकते हैं। इसकी वैल्यू 65 मिलियन डॉलर (लगभग 490 करोड़ रुपये) से अधिक है। अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज CoinMarketCap पर बिटकॉइन की मौजूदा ट्रेडिंग कीमत 43,415 डॉलर (करीब 33 लाख रुपये) है।
बिटकॉइन को लोगों के बीच पॉपुलर बनाने के लिए अल-साल्वाडोर कई कदम उठा रहा है। बिटकॉइन ATM की स्थापना से लेकर चिवो नाम का एक बिटकॉइन वॉलेट बनाने तक, यहां कई काम किए गए हैं।