Bitcoin नेटवर्क में लगातार नए कॉइन बनते रहते हैं। जब भी बहीखाते में ट्रांजैक्शन का एक नया ब्लॉक जोड़ा जाता है तो नया बिटकॉइन बनता है। हर ब्लॉक एक प्रोसेस के माध्यम से बनता है जिसे माइनिंग कहा जाता है। माइनिंग में यूजर्स ब्लॉक को पूरा करने के लिए कंप्यूटर पर एक गणितीय समस्या को सुलझाते हैं। जो भी सबसे पहले ब्लॉक को पूरा करता है उसे एक नया बिटकॉइन दिया जाता है और उससे जुड़ी सब तरह की ट्रांजैक्शन फीस भी दी जाती है।
ब्लॉक 730002 पर 1 अप्रैल को 1.9 करोड़वें बिटकॉइन का 16:21:29 (UTC) पर खनन किया गया था। क्रिएटर को इनाम के तौर पर 6.25 BTC और फीस में एक और 0.07 BTC मिला।
The 19,000,000th #bitcoin has been just been mined.
— Documenting Bitcoin ???? (@DocumentingBTC) April 1, 2022
बिटकॉइन की सप्लाई 21 मिलियन यानि 2 करोड़ 10 लाख कॉइन्स पर सीमित है। इसका सीधा अर्थ ये है कि वर्तमान में बिटकॉइन की 90 प्रतिशत सप्लाई सर्कुलेशन में है। बाकी बचे हुए 20 लाख कॉइन 2140 तक पूरी तरह से सर्कुलेशन में नहीं आ पाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि जिस दर से कॉइन्स का प्रोडक्शन होता है, वह हर 210,000वें ब्लॉक में आधे में कट जाता है।
बिटकॉइन की माइनिंग में आने वाली कठिनाई नियमित रूप से एडजस्ट होती रहती है ताकि औसतन हर दस मिनट में एक बार ब्लॉक बनाया जा सके। बाकी क्रिप्टोकरेंसी इस स्ट्रक्चर पर काम नहीं करती हैं, जिसमें क्रिएटर को कॉइन के रूप में इनाम दिया जाता है।
उदाहरण के लिए BNB एक नेट डिफ्लेशनरी क्रिप्टोकरेंसी है जो इसके यूजर्स को शुद्ध रूप से ट्रांजैक्शन फीस के तौर पर ही इनाम देती है। सितंबर 2020 में 18,500,000 मिलियन बिटकॉइन की माइनिंग की गई थी। वर्तमान में कॉइन जारी करने की दर 6.25 बिटकॉइन प्रति ब्लॉक है।
जब किसी माइनर को कोई ब्लॉक मिलता है, तो कॉइन जारी करने में प्रति ब्लॉक 6.25 बिटकॉइन बढ़ जाते हैं। लगभग हर दस मिनट में एक ब्लॉक ढूंढा जाता है। अब अगली ब्लॉक रिवॉर्ड हॉल्टिंग 3 मई, 2024 को या उसके आसपास होने की उम्मीद जताई गई है। अगले पड़ाव के बाद माइनर्स को प्रति ब्लॉक 3.125 बिटकॉइन मिलेंगे और उससे अगला पड़ाव 2028 में होगा।