गुरुवार को गेम की वेबसाइट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए क्राफ्टन ने डिवाइसेज पर बैन लगाने की पॉलिसी के बारे में बताया। क्राफ्टन ने समझाया है कि अगर किसी मोबाइल डिवाइस में अवैध प्रोग्राम्स का पता चलता है, तो उस डिवाइस को BGMI का इस्तेमाल करने से पूरी तरह बैन कर दिया जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर आप BGMI खेलते वक्त चीटिंग करते हैं और क्राफ्टन का नया सिक्योरिटी लॉजिक इसका पता लगा लेता है, तो आपकी डिवाइस पर बैन लग सकता है। इसके बाद आप कभी भी उस डिवाइस पर BGMI नहीं खेल पाएंगे। अब तक यह गेम सिर्फ प्लेयर्स के अकाउंट पर बैन लगाता है। कार्रवाई उन प्लेयर्स पर की जाती है, जो गेम का अनऑफिशियल और मॉडिफाइड वर्जन इस्तेमाल करते हैं या गेम में चीटिंग के लिए अवैध प्रोग्राम्स का यूज करते हैं।
इस बीच, क्राफ्टन लगातार ऐसे यूजर्स के अकाउंट पर कार्रवाई कर रही है, जो गेम में चीटिंग करते हैं। हाल ही में क्राफ्टन ने बताया था कि उसने 99,583 BGMI अकाउंट्स को 6 दिनों के अंदर बैन कर दिया। ये सभी अकाउंट गेम में धोखाधड़ी कर रहे थे। अकाउंट पर बैन लगाना प्रभावी है, लेकिन डिवाइस पर बैन लगाने के बाद चीटिंग करने वाले प्लेयर्स दूसरा अकाउंट बनाकर भी गेम में दाखिल नहीं हो सकेंगे। इस तरह से वह डिवाइस गेम खेलने से पूरी तरह बैन हो जाएगी। डिवाइस पर बैन ‘डिवाइस आईडी’ या ‘आईपी अड्रेस’ के जरिए लगाया जा सकता है।
क्राफ्टन को उसके सोशल मीडिया चैनलों पर प्लेयर्स की ओर से गेम में चीटिंग की शिकायतें मिलती रहती हैं। कंपनी का कहना है कि चीटिंग को खत्म करने की दिशा में वह अपना काम जारी रखेगी। हाल में क्राफ्टन ने 142,000 से अधिक प्लेयर्स पर बैन लगा दिया था। यह बैन 6 दिसंबर से 12 दिसंबर के बीच उन अकाउंट्स पर लगाया गया था, जो अवैध प्रोग्राम्स का इस्तेमाल कर रहे थे। इन्हें स्थायी रूप से बैन कर दिया गया था। तब भी कंपनी ने कहा था कि प्लेयर्स को बेहतर गेमिंग माहौल देने के लिए वह इस तरह के कदम उठाती रहेगी।
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