Assembly Election 2022 पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में खर्च की जाने वाली राशि में इजाफा कर दिया है। ये इजाफा बढ़ती महंगाई और मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए लिया गया है।
नई दिल्ली
Published: January 07, 2022 01:14:29 pm
नई दिल्ली। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ( Election Commission ) ने चुनाव प्रत्याशियों के लिए संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव खर्च की सीमा में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। आयोग के मुताबिक नई खर्च सीमा सभी आगामी चुनावों में लागू होगी। ये सीमा पांच राज्यों उत्तराखंड, पंजाब, गोवा मणिपुर और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों पर लागू रहेगी। बता दें कि विभिन्न राजनीतिक दलों संग बैठक करने के बाद निर्वाचन आयोग जल्द ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा कर सकता है।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने अब लोकसभा और विधानसभा चुनाव में खर्च की राशि में इजाफा कर दिया है। आयोग के प्रवक्ता की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक अब विधानसभा और लोकसभा उम्मीदवारों की चुनावी क्षेत्रों में खर्च की जाने वाली धनराशि को बढ़ाया गया है। यह नई खर्च सीमा आने वाले चुनावों से ही लागू हो जाएगी।
यह भी पढ़ेँः Jammu Kashmir: फारूक अब्दुल्ला समेत 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों की सिक्योरिटी में होगी कटौती, नहीं मिलेगी SSG सुरक्षा
नई खर्च सीमा के तहत अब संसदीय क्षेत्रों में प्रत्याशी 95 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। जबकि इससे पहले यह राशि 70 लाख रुपए थी। इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की खर्च सीमा 40 लाख रुपए कर दी गई है। जबकि इससे पहले यह खर्च सीमा 28 लाख रुपए हुआ करती थी।
– छोटे राज्यों के लिए नए आदेश के मुताबिक उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा मौजूदा 20 लाख से बढ़ाकर 28 लाख रुपए कर दी गई है।
– वहीं बड़े राज्यों के लिए 28 लाख से 40 लाख रुपए खर्च सीमा कर दी गई है।
– छोटे राज्यों में संसदीय क्षेत्रों के मामले में खर्च सीमा को मौजूदा 54 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपए कर दिया गया है।
– वहीं बड़े राज्यों में 70 लाख रुपए से बढ़ाकर खर्च राशि को 95 लाख रुपए कर दिया गया है।
इस वजह से हुआ खर्च राशि में इजाफा
निर्वाचन आयोग ने खर्च सीमा में इजाफा महंगाई और मतदाताओं की संख्या बढ़ने के कारण किया है। दरअसल 2014 में देश में मतदाताओं की संख्या 83.3 करोड़ थी जो 2021 में बढ़कर 93.6 करोड़ हो गई है।
बता दें कि सभी राजनीतिक पार्टियों ने कोरोना संक्रमण और तीसरी लहर के आगाज के बावजूद चुनाव टालने से परहेज करने को कहा था। ऐसे में आने वाले किसी भी दिन केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान किया जा सकता है।
अगली खबर