इससे पहले दो बड़ी शिपिंग लाइंस MSC and Maersk ने रूस के लिए कंटेनर शिपिंग को बंद कर दिया था। इससे रूस के बिजनेस पर बड़ा असर पड़ सकता है। ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम से रूस की इकोनॉमी को दूर करने के लिए पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। Apple ने रूस में बिक्री को रोकने की घोषणा करने वाले एक बयान में कहा, “यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर हम बहुत चिंतित हैं और उन सभी लोगों के साथ खड़े हैं जिन्हें हिंसा के कारण नुकसान उठाना पड़ा है।” कुछ ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी रूस में अपने बिजनेस को रोक दिया है। फोर्ड ने कहा, “यूक्रेन पर हमले और इससे शांति और स्थिरता को होने वाले खतरे से हम चिंतित हैं। इस स्थिति के कारण हम रूस में अपने कामकाज का दोबारा आकलन करने के लिए मजबूर हुए हैं।”
शिपिंग लाइंस MSC और Maersk के रूस के लिए सर्विसेज बंद करने से ग्लोबल शिपिंग कैपेसिटी के बड़े हिस्से से रूस कट जाएगा। दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी रूस कमोडिटीज का एक बड़ा सप्लायर है। रूस ने नुकसान को कम करने के लिए विदेशी इनवेस्टर्स पर रूस के एसेट्स को बेचने को लेकर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया है। हालांकि, BP और रॉयल डच शेल जैसी एनर्जी कंपनियों ने पहले ही रूस में अपने बिजनेस को बंद करने का फैसला किया है। इसके अलावा प्रमुख बैंकों, एयरलाइंस और अन्य कंपनियों ने रूस में अपनी पार्टनरशिप्स तोड़ दी हैं।
ऑस्ट्रिया का Raiffeisen Bank International ने रूस को छोड़ने की जानकारी दी है। यह यूक्रेन पर हमले के बाद यह फैसला करने वाला पहला यूरोपीय बैंक होगा। माइनिंग और कमोडिटीज से जुड़े Glencore ग्रुप ने कहा है कि वह रूस में सभी बिजनेस की समीक्षा कर रहा है। इसमें रोजनेफ्ट जैसी कंपनियों में उसकी हिस्सेदारी भी शामिल है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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