Gizmochina की रिपोर्ट के अनुसार, इस डील के तहत Apple चीन की कंपनियों में इनवेस्टमेंट करेगी। The Information ने इस बारे में बताया है कि Apple इस डील के कारण चीन की कंपनियों को अधिक ऑर्डर दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के CEO, Tim Cook ने चीन की टेक इंडस्ट्री को बढ़ाने में मदद के लिए यह फैसला किया है। Luxshare अभी Apple के एयरपॉड्स असेंबल कर रही है, जो पहले ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग फर्में बनाती थी। Apple के सप्लायर्स के तौर पर ताइवान की फर्मों की बड़ी हिस्सेदारी अब नहीं रहेगी। इससे Luxshare को Apple की सप्लाई चेन में आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा। हालांकि, इस रिपोर्ट की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
Apple के लिए अभी Foxconn टॉप सप्लायर है और जल्द ही यह स्थान Luxshare को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, Apple और चीन सरकार के बीच 275 अरब डॉलर की डील हुई है। इसके जरिए Apple की कोशिश चीन सरकार के साथ अपने संबंध मजबूत करने की भी है। कंपनी के लिए चीन एक महत्वपूर्ण मार्केट है। इसके रेवेन्यू में चीन की लगभग 20 प्रतिशत और आईफोन की कुल सेल्स में 15 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।
Foxconn को लेकर Apple को भारत में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर शहर में फॉक्सकॉन प्लांट में काम करने वाली 250 से अधिक महिलाओं को फूड पॉइजनिंग की शिकायत हुई थी। ये सभी फॉक्सकॉन की डॉर्मिटरी में रहती हैं। इसके बाद वहां काफी विरोध-प्रदर्शन हुए थे। अब ऐपल और फॉक्सकॉन ने पाया कि है फॉक्सकॉन प्लांट में कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वालीं कुछ रिमोट डॉर्मिटरी और डाइनिंग रूम जरूरी स्टैंडर्ड्स को पूरा नहीं करते हैं। फॉक्सकॉन के इस प्लांट को फिलहाल “प्रोबेशन” पर रखा गया है। एपल सुनिश्चित करेगी कि प्लांट को फिर से शुरू करने से पहले सख्त मानकों को पूरा किया जाए। एपल के प्रवक्ता ने कहा है कि इंडस्ट्री में उच्चतम मानकों के लिए वह अपने सप्लायर्स को जवाबदेह बनाती है और नियमों के पालन की निगरानी करती है।
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