शेफील्ड के अनुसार, वीजा की क्रिप्टो एक्टिविटी का दायरा काफी बढ़ गया है। वर्तमान में वीजा के कई डिपार्टमेंट में सैकड़ों लोग क्रिप्टो पर काम कर रहे हैं, जबकि कुछ साल पहले इनकी संख्या मुट्ठी भर थी।
शेफील्ड का कहना है कि पिछले 18 महीनों में वीजा ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट्स चार गुना तक बढ़ाए हैं। यह संख्या अब 60 हो गई है। इन क्रिप्टो कंपनियों में FTX, ब्लॉकफी, Crypto.com, कॉइनबेस और बिनेंस शामिल हैं।
क्रिप्टोकरेंसी पर लोग कितना विश्वास करते हैं, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए वीजा ने कंस्यूमर के विचार जानने के लिए एक ग्लोबल सर्वे भी किया था। डेटा से पता चला कि क्रिप्टो के बारे में हर जगह लोग जानते हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वाले करीब एक तिहाई लोगों ने क्रिप्टो का इस्तेमाल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट या मीडियम ऑफ एक्सचेंज के रूप में किया था।
शेफील्ड के अनुसार, वीजा को उम्मीद है कि नॉन-फंजिबल टोकन या NFT आने वाले समय में रिटेल, सोशल मीडिया, एंटरटेनमेंट और कॉमर्स में अहम भूमिका निभाएंगे। मर्चेंट्स, ब्रांडों और कंटेंट प्लेटफॉर्मों ने NFT-कॉमर्स इकोसिस्टम में काफी दिलचस्पी दिखाई है।
शेफील्ड ने बताया कि वीजा का मकसद दुनियाभर में उसकी 80 मिलियन मर्चेंट लोकेशंस के जरिए क्रिप्टो नेटवर्क के लिए ब्रिज तैयार करना है।
हाल ही में Visa ने बैंकों और मर्चेंट्स के लिए ग्लोबल क्रिप्टो एडवाइजरी सर्विस भी शुरू की है। इस सर्विस के तहत Visa अपने क्लाइंट्स यानी इंस्टिट्यूशंस को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में शिक्षित करेगी। डिजिटल करेंसी से जुड़े ऑफर्स देने के लिए क्लाइंट Visa के पेमेंट प्रोसेसर नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे। यही नहीं, बैकएंड ऑपरेशंस को मैनेज करने में भी Visa की ओर से मदद की जाएगी।