#FlyAI: Due to deployment of 5G communications in USA, our operations to USA from India stand curtailed/revised with change in aircraft type from 19th January 2022.
Update in this regard will be informed shortly.
— Air India (@airindiain) January 18, 2022
एयरलाइंस ने एक बयान में कहा है कि रनवे के आसपास डिप्लॉय होने वाले 5G नेटवर्क उन सेफ्टी उपकरणों पर असर डालते हैं, जिनकी मदद से पायलट उड़ान भरते हैं और खराब मौसम में लैंडिंग करते हैं।
एयरलाइंस ने कहा है कि हम सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे। बाकी देशों की सरकारों ने 5G तकनीक की सुरक्षित तैनाती सुनिश्चित करने के लिए सफलतापूर्वक नीतियां तैयार की हैं। हम भी अमेरिकी सरकार से ऐसा करने के लिए कह रहे हैं। वरना, कुछ एयरक्राफ्ट में लगे रेडियो altimeters पर असर पड़ेगा। रेडियो altimeters की मदद से पायलट को विमान की सुरक्षा से जुड़ी जरूरी जानकारियां मिलती हैं। एयरलाइंस कंपनियों का कहना है कि रेडियो altimeters पर असर पड़ने की स्थिति में ह्यूस्टन, नेवार्क, लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और शिकागो जैसे शहरों में एयरक्राफ्ट पर बैन लगाने होंगे।
इसकी वजह से पूरे साल सैकड़ों-हजारों उड़ान रद्द होंगे। उनमें दिक्कतें आएंगी। इन इलाकों में कार्गो उड़ानों पर भी असर पड़ेगा। एयरलाइंस कंपनियों ने बाइडेन प्रशासन से जल्दी काम करने दूसरे उपाय लागू करने के लिए अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही अमेरिकी एयरलाइंस कंपनियों ने इस मामले में अपनी चेतावनी दे दी थी। अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयर लाइन्स, यूनाइटेड एयरलाइंस, साउथवेस्ट एयरलाइंस समेत दूसरी कंपनियों के अधिकारियों ने एक पत्र में लिखा था कि जब तक हमारे मेन सेंटर, उड़ान भरने के लिए क्लीयर नहीं हो जाते, तब तक उड़ाने शुरू नहीं हो पाएंगी। पत्र में लिखा गया था कि एक दिन में 1100 से अधिक उड़ानों को रद्द, डायवर्ट या लेट करना पड़ सकता है। इसकी वजह से करीब एक लाख यात्रियों पर असर होगा। याद रहे कि अमेरिका में 5जी सर्विस शुरू हो गई हैं। AT&T और Verizon ने अमेरिका में 5जी सर्विस शुरू की है, जिसे पहले दो-तीन होल्ड किया जा चुका था।