उम्र बढ़ने साथ-साथ कई सम्याएं शरीर को घेर लेती हैं लेकिन उनमें से एक समस्या है नींद कम आना. हर समस्या पर लोग बात करते है लेकिन इस विषय पर ज्यादा चर्चा नहीं होती है. यह एक ऐसी समस्या है जो बढ़ती उम्र के साथ सबसे ज्यादा दिखाई देती है, उम्र बढ़ने का मतलब यह नहीं है कि आपको कम आराम की जरूरत है, बल्कि आपको भी कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए.
एक रिसर्च के अनुसार, 30 से 60 वर्ष की औसत महिला रात में 7 घंटे से भी कम सोती है. साथ ही यह भी पाया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को नींद की समस्या होने की संभावना अधिक होती है. अधिकतर महिलाओं को नींद न आने का कारण मानसिक और शारीरिक बदलाव है. साथ ही जरूरत से ज्यादा तनाव और दवा लेना भी है. लेकिन कुछ आदतें ऐसी हैं जिसे सुधार कर 6-8 घंटे की पूरी नींद ली जा सकती है.
गुनगुने पानी से नहाएं- अच्छी नींद पाने के लिए गुनगुने पानी से नहाएं जब आप टब से बाहर निकलती हैं, तब शरीर के तापमान में गिरावट होती है जो आपको थकान महसूस करने में मदद करती है. यह आपको आराम करने और नींद लेने में भी मदद करती है, इससे आपको अच्छी नींद आयेगी.
खुद को शांत रखे- रात में लाइट बंद करने से पहले खुद को शांत करने के लिए समय निकालें सोने से एक घंटे पहले अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और टीवी को बंद कर दें, फिर खुद को रिलैक्स करने के लिए आप अच्छी बुक्स पढ़ सकती हैं, म्यूजिक सुन सकती हैं या कोई ऐसा काम करें जिससे आप रिलैक्स महसूस करती हैं.
योगा करें- बढ़ती उम्र की महिलाओं के लिए योग बेहद फायदेमंद होता है, तो आप किस चीज का इंतजार कर रही हैं? योग करने से थकान और हृदय गति जैसे शारीरिक कारकों में सुधार होता है. तनाव और चिंता को भी योग से नियंत्रित किया जा सकता है. लेकिन जरूरी नहीं है कि शुरूआत मुश्किल योग से करें आप हल्के और सिंपल योग करके भी बेहतर नींद पा सकती हैं.
चाय, कॉफी कम पियें- उम्र बढ़ने के साथ-साथ चाय, कॉपी की संवेदनशीलता भी बढ़ती जाती है यदि आप जीवन भर कॉफी या चाय पीती रही हैं, तो इसे छोड़ना आपको बुरे सपने जैसा लग सकता है. लेकिन इसका सीमित मात्रा में सेवन आपको बेहतर नींद भी दिला सकता है. आप रात में सोने से पहले चाय, कॉफी बिल्कुल भी न लें इसे पीने से आपकी नींद गायब हो जायेगा.
थेरेपिस्ट की सलाह लें- यदि आप जरूरत से ज्यादा तनावग्रस्त रहती हैं तो किसी थेरेपिस्ट से मिलकर उनकी सलाह लें अपनी स्थिति के बारे में उनसे खुल कर बात करें. चिंता का नींद न आने से काफी गहरा जुड़ाव है, लेकिन कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) इसमें काफी मददगार साबित हो सकती है. तो किसी थेरेपिस्ट से जरूर मिलिए वो आपकी मदद जरूर करेगें.
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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