Friday, October 29, 2021
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29 अक्टूबर का दिन कभी याद नहीं करना चाहेगी टीम इंडिया, 54 रन पर सिमटकर टूटे सपने, गंवाई थी चैंपियंस ट्रॉफी


नई दिल्ली. साल 2000, दिन 29 अक्टूबर. जगह- शारजाह. तमाम भारतीय क्रिकेट फैंस एक बड़ी जीत या यूं कहिए कि खिताब का इंतजार कर रहे थे लेकिन सभी के सपने चकनाचूर हो गए. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह और विनोद कांबली जैसे दिग्गजों से सजी भारतीय टीम किसी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में मात्र 54 रन पर ढेर हो जाएगी, वो भी तब जबकि चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2000) दांव पर लगी हो…. लेकिन हुआ ऐसा जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 245 रन से करारी हार का सामना करना पड़ा.

उस मैच को 21 साल बीत गए हैं लेकिन शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट फैन उस दिन को याद करना चाहेगा. उस डे-नाइट मैच में भारत की ऐसी हालत होगी, किसी ने नहीं सोचा था. जब टीम इंडिया 300 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी तो मात्र 30 रन तक उसके 5 विकेट गिर गए थे. इतना ही नहीं, केवल 1 बल्लेबाज रॉबिन सिंह ही दहाई के आंकड़े को छू सके थे.

श्रीलंका ने 245 रन से जीता मुकाबला
शारजाह में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच 29 अक्टूबर 2000 को भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया. श्रीलंका के कप्तान सनथ जयसूर्या ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. जयसूर्या ओपनिंग को उतरे और ऐसे जम गए कि हर भारतीय गेंदबाज को परेशान कर दिया. श्रीलंका ने जयसूर्या (189) की शानदार पारी की बदौलत 50 ओवर में 5 विकेट पर 299 रन बनाए. 300 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 26.3 ओवर ही खेल पाई और मात्र 54 रन पर ऑलआउट हो गई. श्रीलंका ने 245 रन के रिकॉर्ड अंतर से मैच जीता और ट्रॉफी पर कब्जा जमाया.

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सनथ जयसूर्या बने स्टार
मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच सनथ जयसूर्या बने, जिन्होंने अकेले ही मैच का रुख पलट दिया. उन्होंने 161 गेंदों की अपनी पारी में 21 चौके और 4 छक्के जड़े. कमाल था कि दूसरे छोर पर बल्लेबाज को ज्यादा गेंद खेलने का ना तो मौका मिला और ना ही रसेल के अलावा और कोई जम भी पाया. जब जयसूर्या विकेट गिरा, तब टीम का स्कोर 282 रन पहुंच चुका था. उनके अलावा रसेल आर्नोल्ड ने नाबाद 52 रन का योगदान दिया. उन्होंने 62 गेंदों पर 2 चौके और 1 छक्का जड़ा. भारत के लिए जहीर खान, सुनील जोशी, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली को 1-1 विकेट मिला.

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भारत के खिलाफ सबसे बड़ी वनडे जीत का रिकॉर्ड
श्रीलंका ने भारत के खिलाफ वनडे में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बनाया, जो आज भी बरकरार है. इतना ही नहीं, यह भारत का वनडे में सबसे कम स्कोर है. यह शर्मनाक रिकॉर्ड आज भी बरकरार है. इससे पहले सिडनी में साल 1981 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 63 रन के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया था.

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