10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक का बनाया गया सबसे बड़ा टेलीस्कोप है। इसका मकसद खगोलविदों को सफल खोजों में मदद करना है। हबल की तुलना में इसे ब्रह्मांड में गहराई से देखने और 13.5 अरब साल पहले तक की घटनाओं का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है।
फिलहाल हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष में सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है। पिछले 30 साल से इसने खगोलविदों को बड़ी जानकारियां दी हैं। काफी समय हो जाने की वजह से इसे बदलने की जरूरत महसूस की गई थी। हबल प्रोजेक्ट को पूरा करने में नासा और ESA (यूरोपियन स्पेस एजेंसी) दोनों की भूमिका थी। दोनों ने मिलकर और बड़ा व ताकतवर टेलीस्कोप बनाने का फैसला किया। हबल के मुकाबले जेम्स वेब टेलीस्कोप, इन्फ्रारेड में भी देख सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जेम्स वेब टेलीस्कोप की उन्नत क्षमताओं का इस्तेमाल दूर के ग्रहों के वातावरण का अध्ययन करने के लिए किया जा सकेगा।
इस हफ्ते एक ब्लॉग पोस्ट में नासा ने कहा कि वो 25 दिसंबर को मिशन लॉन्च करेगी। भारतीय समय के मुताबिक यह लॉन्च शाम 5:50 बजे होगा। बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मिशन कंट्रोलर गलत दिशा में बहने वाली तेज हवाओं को देख रहे हैं, ताकि लॉन्च नाकाम होने पर मलबे को जमीन पर गिरने से बचाया जा सके।
जेम्स वेब टेलीस्कोप को पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में तैनात किया जाएगा। यह सफर एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि यह एक असाधारण मिशन है… यह हमें हमारे ब्रह्मांड और उसमें हमारी जगह की बेहतर समझ देगा।
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