Thursday, February 24, 2022
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24 February 2022: जानें जानकी जयंती का महत्व, पूजा विधि और तिथि ।


जानें जानकी जयंती का महत्व, पूजा विधि और तिथि ।
– फोटो : google

जानें जानकी जयंती का महत्व, पूजा विधि और तिथि । 

इस वर्ष जानकी जयंती 24 फरवरी दिन बृहस्पतिवार को पड़ रही है। जानकी जयंती को सीता नवमी भी कहते है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाई जाती है जानकी जयंती।

आज ही के दिन माता सीता धरती से प्रकट हुई थी इसलिए इस दिन माता सीता की विशेष पूजा की जाती है। 

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माता सीता के जन्म का वर्णन वाल्मीकि रामायण में मिलता है। कहते है एक बार मिथिला के राजा जनक अपने क्षेत्र में सूखे से बहुत परेशान थे तब उन्होंने इस समस्या का समाधान करने के लिए ऋषि से बात की तो उन्होंने यज्ञ करने और धरती जोतने के लिए कहा था। उसके बाद एक दिन राजा जनक धरती जोतने लगे तब उन्हें धरती के नीचे से एक बच्ची मिली और राजा जनक जी के कोई संतान नही थी। जब राजा जनक ने उस बच्ची को अपनी गोद में लिया तो उन्हें पिता प्रेम की अनुभूति हुई। राजा जनक ने उस बच्ची को अपनी पुत्री के रूप में अपना लिया और उसका नाम सीता हुआ।

माता सीता ने अपने जीवन में बहुत दुःख देखे परंतु उन्होंने अपने पति भगवान राम का कभी साथ नही छोड़ा इसलिए मान्यता है कि जानकी जयंती के दिन शादीशुदा महिलाये अपने पति की लंबी उम्र और घर की सुख शांति के लिए व्रत रखती है माता सीता को श्रृंगार का सामान चढ़ाती है। कुछ जगहों पर अच्छे वर की प्राप्ति के लिए कुँवारी कन्याये भी व्रत रखती है।

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जानकी जयंती पर कैसे करे पूजा

प्रातः भोर में उठे स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे फिर पूजा आरंभ कर। घर के मंदिर में बैठे सभी देवी देवताओं को गंगाजल से स्नान कराये। फिर सबसे पहले भगवान गणेश और माँ अम्बे की पूजा से शुरुवात करे। उसके बाद माता सीता को पीले वस्त्र और पिले पुष्प अर्पित करे और साथ ही सीता माता को श्रृंगार का सामान अर्पित करे। अब घर के मंदिर में दीपक जलाएं और भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें और व्रत करने का संकल्प ले। शाम के समय माता सीता की आरती करें फिर उन्हें भोग अर्पित करे उसके बाद खुद प्रसाद ग्रहण कर अपने व्रत पूर्ण करें। 

मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है और राम-सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है।

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