Bloomberg को दिए एक बयान (via HT Auto) में Rolls Royce के अध्यक्ष रॉब वाटसन (Rob Watson) ने एक खास बैटरी-इलेक्ट्रिक सिस्टम P-Volt के पहले कमर्शियल अनुप्रयोग के बारे में जानकारी शेयर की। बता दें कि कथित तौर पर यह सिस्टम 600-किलोवाट घंटे (Kilowatt hours) का बिजली उत्पादन करने में सक्षम होगा, जिसकी बदौलत इससे लैस विमान छह से आठ लोगों को 80 नॉटिकल माइल तक उड़ान भरने में सक्षम होगा। रॉब ने यह भी बताया कि बेहतर बैटरी तकनीक के साथ रेंज में सुधार होता रहेगा और अंततः 2030 तक इस टेक्नोलॉजी के साथ इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट लगभग 400 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम हो सकता है।
वाटसन का कहना है कि कंपनी को टेक्नोलॉजी पर भरोसा है और अब वह इसे बड़े पैमाने पर आज़माएगी। उन्होंने कहा “मुझे लगता है कि आप शहरी एयर मोबिलिटी और रीजनल एयर मोबिलिटी में 8-18 सीटों वाले [इलेक्ट्रिक] एयरक्राफ्ट अगले तीन से पांच वर्षों में एक वास्तविक संभावना बनते हुए देख सकते हैं।”
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि रोल्स-रॉयस के इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल eVOTLs (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग) या कम्यूटर एयरक्राफ्ट दोनों के लिए किया जा सकता है। कंपनी के पूर्व ग्राहक वर्टिकल एयरोस्पेस ग्रुप लिमिटेड ने अमेरिकन एयरलाइंस ग्रुप इंक., वर्जिन अटलांटिक एयरवेज लिमिटेड और एवलॉन होल्डिंग्स लिमिटेड से ऑर्डर लिया है, और अपने ज़ीरो-एमिशन फोर-पैसेंजर एयरक्राफ्ट VA-X4 में इस्तेमाल किया है, जो 100 मील से अधिक की दूरी 200 मील प्रति घंटे की स्पीड पर तय कर सकता है।
रिपोर्ट आगे कहती है कि वाटसन के अनुसार, सैकड़ों लोगों के साथ हजारों मील उड़ने के लिए केवल बैटरी पर्याप्त नहीं होगी, क्योंकि इसमें केवल बैटरी की एनर्जी डेंसिटी और उसके वज़न पर सीमित रहना होगा। उन्होंने कहा “यदि आप उन प्लेटफार्म्स पर नेट-ज़ीरो [एमिशन] प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इसे मुख्य रूप से SAF के जरिए से या फिर हाइड्रोजन के जरिए प्राप्त कर सकेंगे।”
वाटसन ने कहा कि रोल्स-रॉयस वर्तमान में बैटरी सेल के लिए सप्लायर्स के साथ बातचीत कर रही है, क्योंकि यह सर्टिफिकेशन फेज़ के करीब पहुंच रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कंपनी पैक्स को डिजाइन और असेंबल करेगी, वह बैटरी सेल का निर्माण नहीं करेगी।
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