यह चोरी टेस्ला के डिलिवरी सेंटर में सुरक्षा-व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है। पूरे यूरोप में कंपनी के कई डिलिवरी हब हैं और डिलिवरी सेंटर में चोरी की यह पहली घटना है।
Presseportal के मुताबिक, यह चोरी 11 मार्च की शाम 6:00 बजे से 12 मार्च को सुबह 9:00 बजे के बीच हुई। चोरों ने अंधेरे का फायदा उठाया और 11 ‘Model 3′ व ‘Model Y’ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को निशाना बनाया। चोरों उनके पहिये चुरा लिए। माना जा रहा है कि कारों के कैरिज और बैटरी पैक को भी नुकसान पहुंचाया गया है।
बहरहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। उसने ऐसे लोगों से सामने आने की अपील की है, जिन्होंने चोरी होते हुए देखी या उन्हें इस बारे में कोई भी जानकारी हो। यह स्पष्ट नहीं है कि चोरी के समय हब पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे या नहीं।
टेस्ला अपनी कारों को भारत में भी बेचना चाहती है, लेकिन सरकार के साथ इस पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। बीते दिनों रिपोर्ट आई थी कि संभावित टैक्स बेनिफिट को लेकर टेस्ला और भारत के बीच गतिरोध है, क्योंकि सरकार लोकल लेवल पर मैन्युफैक्चरिंग की प्रतिबद्धता टेस्ला से चाहती है। इसके बगैर वह कोई टैक्स बेनिफिट नहीं देना चाहती। सरकार चाहती है कि देश में इम्पोर्ट टैक्स में छूट पाने के योग्य होने के लिए टेस्ला 500 मिलियन डॉलर मूल्य के लोकल ऑटो कॉम्पोनेंट्स खरीद ले।
टेस्ला को यह शर्त दी गई है कि वह लोअर बेस पर लोकल ऑटो पार्ट्स की खरीद शुरू कर सकती है। भारत सरकार ने औपचारिक रूप से टेस्ला को घरेलू सोर्सिंग बढ़ाने के लिए कहा है। हालांकि टेस्ला ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दिलचस्प बात यह है कि टेस्ला ने इससे पहले अगस्त 2021 में दावा किया था कि उसने अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए भारत से लगभग 100 मिलियन डॉलर मूल्य के ऑटो पार्ट्स मंगवाए हैं।
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