शुक्र 6 जनवरी को धनु राशि में अस्त होने वाले हैं और आने वाले दिनों इनका अस्तगत प्रभाव सभी चीजों पर लक्षित होगा. शुक्र के अस्त होने की इस स्थिति को कई मामलों के लिए विशेष माना गया है. शुक्र ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में भौतिक सुख सुविधाओं एवं आनंद का प्रतिक माना गया है. शुक्र की कुंडली में शुभ अच्छी स्थिति ही व्यक्ति सभी प्रकार के सुखों को पाने में सहायक होती है. व्यक्ति जीवन में आनंद का अनुभव कर सकता है लेकिन यदि शुक्र
कुंडली में या गोचर में अनुकूल स्थिति में नही हो तो इसके शुभ फलों को पाने में लम्बा समय लग जाता है. शुक्र के अस्त होने पर शुक्र अपने शुभ प्रभावों को देने में अधिक सक्षम नही रह पाता है. शुक्र की वर्तमान में अस्त होती स्थिति के कारण वैवाहिक एवं प्रेम पूर्वक संबंधों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. रोमांच एवं रोमांस का अनुभव उस रुप में नहीं मिल पाता है जिसमें मिलना चाहिए.
ज्योतिष में ग्रहों की चाल बड़ी महत्वपूर्ण होती है और इस चाल का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है. हर बार जब कोई ग्रह एक
राशि छोड़ता है और एक नई यात्रा शुरू करता है, तो यह अन्य सभी राशियों को प्रभावित करता है.
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