उन्होंने कहा, “साइबर क्रिमिनल आपसे क्रिप्टोकरेंसी की डिटेल्स बताने के लिए कहते हैं और जैसे ही आप वॉलेट में डिजिटल मनी ट्रांसफर करते हैं, वे उसे निकाल लेते हैं। अगर आप क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करते हैं या इसमें इनवेस्ट करने जा रहे हैं तो प्रतिष्ठित फर्मों के साथ ही डील करें।”
अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने वीडियो पोस्ट कर इस सलाह को शेयर किया। इस महीने की शुरुआत में कई ऐसी रिपोर्ट आईं थीं जिनमें पता चलता है कि चाइनीज और नाइजीरियन स्कैमर भारत के क्रिप्टो इनवेस्टर्स को टारगेट कर रहे हैं।
गोयल ने कथित तौर पर कहा कि हाल ही में 16 क्रिप्टो इनवेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी के मामले हुए हैं जिनमें उन्होंने कुल 3.45 करोड़ रुपये गंवा दिए। उनका कहना था, “क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर ज्यादा पाने के लालच में लोग अपने करोड़ों गंवा रहे हैं।” गोयल ने कहा कि एक बार खो जाने के बाद वर्चुअल करेंसी इसके असली मालिक तक वापस नहीं लाई जा सकती है।
दिसंबर की शुरुआत में तेलंगाना सरकार ने क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch Kuber और इनोवेशन मैनेजमेंट फर्म Lomos Labs के साथ डील साइन की थी। यह डील एक ब्लॉकचेन एक्सीलरेटर प्रोग्राम को चलाने के लिए की गई थी। ऐसे आंत्रप्रेन्योर जो ब्लॉकचेन सेगमेंट में उतरना चाहते हैं इस प्रोग्राम के माध्यम से अवसरों, मेंटॉरशिप, टेक सपोर्ट और फंडिंग हासिल कर सकते हैं।
भारत में अभी इस मुद्दे पर बहस चल रही है कि क्रिप्टोकरेंसी पर कौन से रेगुलेशन लगाए जाने चाहिएं। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जताई है। सरकार का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल से इनवेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग भी की जा सकती है।
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