नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में इन दिनों भारतीय सेना आतंकियों के खत्म करने के लिए अभियान चला रही है। बता दें कि इस अभियान के तहत अब तक कई आतंकियों को ढ़ेर कर दिया गया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के कई नेता सुरक्षाबलों की इन कार्रवाईयों पर सवाल उठा रहे हैं। बता दें कि पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पुर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हैदरपोरा एनकाउंटर के बाद अब श्रीनगर मुठभेड़ पर भी सवाल उठाए हैं।
महबूबा मुफ्ती का कहना है कि इसे मुठभेड़ दिखाने की कोशिश की जा रही है, जबकि गोलियां सिर्फ एक ही तरह से चलाई गई थीं। उन्होंने कहा कि ‘रामबाग में कल हुए एनकाउंटर के बाद से इसकी वैधता को लेकर संदेह है। इस एनकाउंटर को लेकर उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा लग रहा था कि एक ही तरफ से फायरिंग हो रही थी।
हैदरपोरा एनकाउंटर पर भी उठाए थे सवाल
कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा एक बार फिर अधिकारियों के दावे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खा रही हैं। जिस तरह से शोपियां, एचएमटी और हैदरपोरा में हुआ। बता दें कि इससे पहले उन्होंने हैदरपोरा एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए थे। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में जिन्हें आतंकी कहते हुए मारा है उनमें से दो आम नागरिक थे। वहीं पुलिस इन्हें आतंकियों का साथी बता रही थी।
गौरतलब है कि पुलिस ने कल श्रीनगर के रामबाग इलाके में हुई मुठभेड़ में 3 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया था। बताया गया कि आतंकियों की पहचान टीआरएफ कमांडर मेहरान यासीन शल्ला (श्रीनगर निवासी), मंजूर अहमद मीर (पुलवामा) और अराफात अहमद शेख (पुलवामा) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक पहले आतंकियों को समर्पण करने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में की गई कार्रवाई में 3 आतंकी मारे गए।