एवरड्रोन की EMADE सर्विस को जल्द से जल्द मेडिकल सप्लाई देने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से उन जगहों पर मेडिकल सप्लाई पहुंचाई जाती है, जहां एंबुलेंस को पहुंचने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। मौजूदा मामले में बुजुर्ग तक सिर्फ तीन मिनट में डिफाइब्रिलेटर की आपूर्ति की गई। घटनावाली जगह से ही डॉक्टर मुस्तफा अली गुजर रहे थे। उनकी ड्यूटी लोकल अस्पताल में थी। सड़क पर गिरे बुजुर्ग को देखकर वह मदद के लिए दौड़े। बुजुर्ग को CPR देना शुरू किया। मौके पर पहुंचे एक और शख्स को इमरजेंसी नंबर पर कॉल करने के लिए कहा। कुछ ही मिनटों के बाद वहां एक ड्रोन डिफाइब्रिलेटर लेकर पहुंच गया। बुजुर्ग पर डिफाइब्रिलेटर का इस्तेमाल किया गया। उससे मिले इलेक्ट्रिक शॉक से बुजुर्ग की जान में जान आ गई।
स्वीडन में ड्रोन का यह इस्तेमाल काफी पॉपुलर हो रहा है। स्वीडिश सेंटर फॉर रिससिटेशन साइंस, SOS अलार्म, रीजन वस्त्र गोटालैंड और एवरड्रोन के बीच हुए सहयोग के तहत मेडिकल डिलीवरी ड्रोन लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। वर्तमान में दो लाख लोगों तक ड्रोन से मेडिकल सप्लाई पहुंचाई जा सकती है। चार महीनों की एक पायलट स्टडी से पता चला है कि ज्यादातर मामलों में एंबुलेंस के आने से पहले ही ड्रोन मेडिकल डिवाइस को मौके पर पहुंचा देते हैं।
स्टडी में यह भी पता चला है कि ड्रोन के जरिए मेडिकल डिवाइस की सप्लाई का रिस्पॉन्स टाइम भी बहुत अच्छा है। डिलिवरी भी तेजी से की जाती है। माना जा रहा है कि यूरोप के कुछ और इलाकों में भी इस सर्विस को जल्द शुरू किया जा सकता है। ताजा मामले ने एवरड्रोन की उपलब्धियों में नए उदाहरण को जोड़ा है। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले समय में ड्रोन के जरिए मेडिकल आपूर्ति का इस्तेमाल बढ़ेगा। इससे लोगों को सहूलियत तो मिलेगी ही, इस सेक्टर में ग्रोथ भी बढ़ेगी।
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