क्रिप्टो एसेट्स का ग्लोबल मार्केट लगभग 2.2 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 16,25,741 करोड़ रुपये) का है। हांगकांग मॉनेटरी अथॉरिटी (HKMA) के चीफ एग्जिक्यूटिव, Eddie Yue ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स का फाइनेंशियल सिस्टम के साथ जुड़ाव बढ़ रहा है। HKMA ने इस विषय पर एक पेपर में कहा, “हमारे पेमेंट सिस्टम्स की सुरक्षा, मजबूती और कुशलता पर असर डाल सकने वाले मुद्दों पर हम ध्यान देते हैं और यूजर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।” HKMA ने इस बारे में पब्लिक और स्टेकहोल्डर्स से 31 मार्च तक फीडबैक मांगा है। इसमें पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए जा सकने वाले स्टेबलकॉइन्स के विस्तृत प्रभावों पर जोर दिया गया है। इसके अलावा क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े इनवेस्टर्स की सुरक्षा के पहलु भी इसमें शामिल हैं।
HKMA ने क्रिप्टो एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए पांच संभावित विकल्प दिए हैं। इनमें कोई कार्रवाई न करने से लेकर पूरी तरह बैन लगाना शामिल है। पेपर में कहा गया है कि रेगुलेटेड इंस्टीट्यूशंस को क्रिप्टो एसेट सर्विसेज के प्रोवाइडर्स के साथ जुड़ने से पहले विभिन्न प्रकार के रिस्क का आकलन और रिस्क को कम करने के उपाय करने होंगे।
कई देशों में सरकारें इससे चिंतित हैं कि क्रिप्टो एसेट्स का इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है या इससे कम जानकारी रखने वाले यूजर्स को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके पीछे क्रिप्टो एसेट्स की जटिलता और इनमें वोलैटिलिटी अधिक होने जैसे कारण हैं। कुछ देशों में क्रिप्टोकरंसीज को लेकर कानून बनाने की तैयारी भी की जा रही है। भारत में भी केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरंसीज से जुड़ा कानून लाने की योजना बनाई है। भारत में स्वदेशी जागरण मंच जैसे कुछ संगठन क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर रहे हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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