कनाडा में मैकगिल यूनिवर्सिटी (McGill University) के रिसर्चर्स ने Computers in Human Behavior पत्रिका में अपनी एक स्टडी जारी की है, जिसमें 2014 से 2020 के बीच दुनिया भर के 24 देशों में लगभग 34,000 लोगों के बीच स्मार्टफोन के उपयोग का अध्ययन किया गया है। अब, यदि आप सोच रहे हैं की भारत इस लिस्ट में सबसे ऊपर होगा, तो आप गलत हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि उन्होंने 15 से 35 वर्ष की आयु वाले लोगों पर फोकस किया, क्योंकि इस वर्ग के पास सबसे ज्यादा स्क्रीन टाइम और स्मार्टफोन ओनरशिप (स्वामित्व) रेट है।
Daily Mail की रिपोर्ट में देशों की लिस्ट की पूरी जानकारी शेयर की गई है। अब, यदि आप सोच रहे हैं कि इन देशों की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर होगा, तो आप गलत है। रिपोर्ट में इस रिसर्च का हवाला देते हुए बताया गया है कि 24 देशों की इस लिस्ट में सबसे पहला स्थान चीन को मिला है। इसके बाद दूसरे नंबर पर सऊदी अरब और तीसरे नंबर पर मलेशिया रहा। जबकि जर्मनी 23वें नंबर पर और सबसे आखिर में फ्रांस था।
आश्चर्यजनक रूप से भारत को इस लिस्ट में 17वां स्थान मिला है। इसके बाद अगला नंबर अमेरिका का है। स्मार्टफोन एडिक्शन में भारत से आगे नेपाल रहा, जिसे 10वां स्थान प्राप्त हुआ।
इस स्टडी के लिए, रिसर्चर्स की टीम ने 15 से 35 वर्ष की आयु के लोगों द्वारा फोन के उपयोग को लेकर पहले से प्रकाशित 81 स्टडी को समझा। ये सभी स्टडी स्मार्टफोन एडिक्शन स्केल (SAS) पर आधारित थी। SAS स्मार्टफोन की लत को मापने वाला सबसे आम उपाय है। इन सभी प्रतिभागियों की औसत आयु 28.8 वर्ष थी, और 60 प्रतिशत प्रतिभागी महिलाएं थीं।
रिसर्चर्स ने ‘समस्याग्रस्त स्मार्टफोन यूज़’ के आधार पर प्रत्येक देश को 10 से 60 के बीच एक स्कोर दिया। चीन 60 में से 36 के स्कोर के साथ टॉप पर रहा। इस स्टडी से यह पता चला कि दुनिया भर में समस्याग्रस्त स्मार्टफोन यूसेज बढ़ रहा है, जिसके ‘मनोवैज्ञानिक रूप से बुरे परिणाम’ हो सकते हैं।
टीम ने हाल ही में दुनिया भर के लोगों की तुलना में अपने आप के स्मार्टफोन की लत का आकलन करने के लिए जनता के लिए एक वेबसाइट भी लॉन्च की है। यह साइट अपने स्क्रीन टाइम को कम करने और स्वस्थ जीवन के लिए वैकल्पिक एक्टिविटी की तलाश करने वाले यूज़र्स को सुझाव भी देती है।