फाइनल इमेज में 83 मिलियन पिक्सल से भी ज्यादा हैं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि इसका रेजॉलूशन 4K टीवी स्क्रीन से 10 गुना बेहतर है।
EUI के अलावा सौर ऑर्बिटर पर कई इमेजिंग उपकरण हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, इनमें से एक है स्पेक्ट्रल इमेजिंग ऑफ द कोरोनल एनवायरनमेंट (SPICE)। इसने भी एक इमेज को कैप्चर किया, जिसने 50 साल में अपनी तरह की सूर्य की पहली तस्वीर दिखाई है। यह अब तक की सबसे बेस्ट है।
वहीं बात करें EUI की, तो सूर्य की फोटोग्राफ लेने के लिए उसने 17 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य का उपयोग किया। इससे सूर्य के ऊपरी वायुमंडल और कोरोना भी दिखाई देते हैं, जिनका तापमान लगभग दस लाख डिग्री सेल्सियस है।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इन तस्वीरों से उन्हें सौर विस्फोट समेत विभिन्न सौर घटनाओं को समझने में मदद मिलेगी। याद रहे कि जब पृथ्वी की दिशा में सौर विस्फोट होते हैं, तो सोलर पार्टिकल्स पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं। इससे कई बार भू-चुंबकीय तूफान भी आते हैं, जिस वजह से पृथ्वी पर पावर ग्रिड और कम्युनिकेशन टावरों के संचालन में असर पड़ता है।
सोलर ऑर्बिटर प्रोजेक्ट को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा मिलकर चला रहे हैं। सौर ऑर्बिटर और नासा का पार्कर प्रोब जैसे स्पेसक्राफ्ट वैज्ञानिकों को सूर्य को इस तरह से देखने में मदद करते हैं। पृथ्वी से यह संभव नहीं है। सोलर ऑर्बिटर को फरवरी 2020 में लॉन्च किया गया था, वहीं पार्कर प्रोब को 2018 में लॉन्च किया गया था। दोनों ही स्पेसक्राफ्ट वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।