How To Overcome A Fear Of Needles: सुई के डर से बच्चों को डरते हुए और रोते हुए तो आपने बहुत देखा होगा. लेकिन क्या कभी किसी बड़े वयस्क को ऐसा करते हुए देखा है? नहीं देखा होगा… क्योंकि बड़े इंग्जेशन (Needle) के डर से रोते नहीं हैं बल्कि सुई देखकर भाग जाते हैं या फिर पेड़ पर चढ़ जाते हैं! जी हां, कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के दौरान ऐसे ही मामले देखने को मिल रहे हैं. इस तरह की घटनाएं किसी एक राज्य या शहर में नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिलीं, जहां परिवार के लोगों ने किसी एक वयस्क को जबरदस्ती पकड़कर कोरोना की वैक्सीन लगवाई हो.
ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश के राजगढ़ का है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां एक व्यक्ति को वैक्सिनेशन सैंटर तक किसी तरह लाया गया तो यह व्यक्ति वैक्सीन लगवाने के डर से पेड़ पर चढ़ गया और तब तक नीचे नहीं उतरा जब तक सैंटर पर वैक्सीन खत्म नहीं हो गई. हालांकि कुछ लोग इस डर से भी वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं क्योंकि वे वैक्सीन को लेकर किसी ना किसी तरह के भ्रम का शिकार हैं.
आखिर इंजेक्शन से इतना डर क्यों लगता है?
खैर, हमारा फोकस आज इस बात पर है कि बच्चों को सुई से डर लगना तो समझ में आता है लेकिन बड़े लोगों को इंजेक्शन से इतना डर क्यों लगता है? तो इसका जवाब है ट्राइपैनोफोबिया (Trypanophobia). यह एक खास तरह का डर होता है, जो फोबिया की श्रेणी में आता है. जिसकी वजह से बड़े-बड़े पहलवान भी सुई देखकर डर जाते हैं. इस फोबिया के बारे में बात करते हुए दिल्ली के सीनियर साइकाइट्रिस्ट डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया ‘ट्राइपैनोफोबिया स्पेसेफिक काइंड ऑफ फोबिया में आता है. जैसे किसी को मकड़ी से डर लगता है या किसी को छिपकली से. इसकी वजह होती है कोई खास भाव या अनुभव, जो कभी बचपन में हुआ हो और जिसका गहरा असर मन पर हुआ हो. इंग्जेक्शन की निडिल का डर भी ऐसा ही होता है. आमतौर पर यह देखने को मिलता है कि जिन लोगो को ट्राइपैनोफोबिया होता है यानी सुई से डर लगता है, उन्हें खून से भी डर लगता है. यानी वो थोड़ा-सा भी खून देख लेते हैं तो डर जाते हैं.’
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डॉक्टर राजेश की बात से साफ होता है कि निडिल देखकर कुछ लोग इसलिए डर जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि निडिल अंदर जाएगी तो खून (Blood) आएगा. यह सोच ही उनके मन में सिहरन (Needle Fear) पैदा कर देती है. हालांकि सीनियर साइकाइट्रिस्ट यह भी कहते हैं कि निडिल से कुछ लोग इसलिए भी बचते हैं क्योंकि उन्हें निडिल के कारण होने वाले उस खास तरह के दर्द से इरिटेशन होती है, जो सुई लगवाने के दौरान होता है और इसके बाद होता है. हालांकि इस फोबिया (Phobia) को आसानी से दूर किया जा सकता है और इसके लिए खास तरह की काउंसलिंग और थेरपी दी जाती है, जिसके बाद व्यक्ति का डर पूरी तरह निकल जाता है.
हम आपको ये सब बातें इसलिए बता रहे हैं क्योंकि अगर आपके परिवार में ऐसा कोई व्यक्ति है, जिसे निडिल (Needle Phobia) से इतना डर लगता है कि उसने अभी तक वैक्सीन की डोज नहीं ली हैं तो उसे आप थेरपी के बाद वैक्सीन की डोज दिला सकते हैं. अगर परिवार में कोई एक भी व्यक्ति कोविड वैक्सीन लेने से रह गया है तो यह उस पूरे परिवार के लिए खतरा साबित हो सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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