सिर्फ 1 स्तुति बोलकर भी मिल सकता है 12 ज्योर्तिलिंगों की पूजा का फल
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भगवान शिव का पूजन करने की अनेकों विधियां प्राप्त होती हैं. माना जाता है कि पूरे समर्पण के साथ भगवान शिव की स्तुति करने से भक्त को आदिदेव शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यदि जीवन को कोई भी संकट है या परेशानियों का सामना कर रहे हैं और जीवन संघर्ष से भर गया है तो ऎसे समय में भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए शिव अभिषेक करना चाहिए. यदि आप धार्मिक रूप से शुद्ध मन से शिव अभिषेक करते हैं, तो आप स्वयं सकारात्मक फलों को प्राप्त कर पाने में सदैव सफल होते हैं. भगवान शिव की पूजा हेतु मंत्र जाप, हवन, यज्ञ एवं अभिषेक इत्यादि कार्य संपन्न होते हैं किंतु इसी के साथ एक अत्यंत ही सरल उपासना द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति से संबंधित है. माना जाता है की द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति के द्वारा भक्त को सभी 12 ज्योतिर्लिंग के पूजन का फल एक ही स्थान पर प्राप्त हो जाता है ओर इस स्तुति द्वारा भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं. यदि कोई व्यक्ति शिवलिंग उपासना के साथ ही इस स्तुति का समरण करता है तो उसकी पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है. शिव अभिषेक करते समय, द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति का जाप करना चाहिए इससे आपके मन को शांति मिलती है और शिव को भी प्रसन्नता होती है.
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति पाठ
12 ज्योतिर्लिंगों को शैव परंपरा में बहुत ही उत्तम स्थान की संज्ञा दी गई है ओर जीवन में इनका दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति के समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं. इन ज्योतिर्लिंगों का दर्शन यदि नहीं भी कर पाते हैं तो भी यदि इन को नियमित रुप से पूजा जाए तो भी यह दर्शन अनुरुप ही पल प्रदान करने वाली होती है. एक स्तुति से समस्त ज्योतिर्लिंगों की पूजा संपन्न होती है.
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥1॥
परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥
वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।
हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति को प्रात:काल समय स्नान पश्चात शुद्ध मन से मंदिर स्थान अथवा घर पर करना चाहिए.
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति करने पर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. धतूरा, बेल पत्र, इत्यादि अर्पित करना चाहिए
- घी अथवा तेल का दीपक जलाना चाहिए.
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति का पाठ जितना संभव हो करना चाहिए यदि हो सके तो 108 बार इस स्तुति का पाठ करना चाहिए.
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति शुभ फल
- यह आपके मन को शांत करता है और आपको सभी नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है.
- भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और फिर वे हमें हमारी चिंताओं और समस्याओं से मुक्त करते हैं.
- लंबी उम्र और बीमारियों से मुक्ति प्राप्त होती है.
- शिव मृत्यु और जीवन के चक्र में राहत (मोक्ष) प्रदान करने वाले हैं. प्रत्येक दिन द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति करने से मोक्ष की स्थिति प्राप्त होती है.
- जो लोग अपने धन को लेकर कर्ज की स्थिति के साथ संघर्ष कर रहे हैं, आपको अपने आप को किसी भी कर्ज की स्थिति से मुक्त करने के लिए द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति करनी चाहिए.
- यदि आप पुराने स्वास्थ्य रोगों से जूझ रहे हैं तो आपको द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति करनी चाहिए। यदि आप ऎसा करते हैं तो आपको अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति शत्रुता से भी मुक्त कररी है.
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति द्वारा लक्ष्मी की कृपा और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति द्वारा जीवन के आनंद और आंतरिक संतुष्टि का आशीर्वाद मिलता है.
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति द्वारा जीवन में धन धान्य का सुख मिलता है.
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति द्वारा भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.