cryptopotato की रिपोर्ट में बताया गया है कि डुनामु ने साल 2021 में अपनी असेट्स में 8.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए, जो इसे नियमों के दायरे में लाता है। सख्त नियम लागू होने की स्थिति में म्यूचअल निवेश करने से रोके जाने के अलावा इस कंपनी को डेबिट गारंटी, क्रॉस-शेयरहोल्डिंग आदि पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। डुनामा का बिजनेस पिछले साल काफी तेजी से बढ़ा, जिसने इसे कोरियाई वॉचडॉग की नजरों में ला दिया है।
कोरियाई नियमों के तहत 4 बिलियन डॉलर से बड़ी कंपनियों को प्रमुख इंट्राकंपनी सौदों, बोर्ड के फैसलों और शेयरहोल्डर्स के बारे में जानकारी का खुलासा करना होता है। कोरिया हेराल्ड के सोर्सेज ने बताया है कि KFTC, डुनामा को नॉन-फाइनेंशियल बिजनेस के रूप में रेगुलेट करना चाहती है। वह अपबिट के पास जमा पैसों को अपनी संपत्ति के हिस्से के रूप में मानती है। इस परिस्थिति में डुनामा को कठोर नियमों का सामना करना पड़ेगा। साउथ कोरिया में क्रिप्टो कंपनियों की बात करें तो डुनामा ने साल 2021 में 2 अरब डॉलर की नेट इनकम हासिल की है। वह देश की सबसे बड़ी क्रिप्टो यूनिकॉर्न में से एक बन गई।
गौरतलब है कि साउथ कोरिया के निर्वाचित राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने क्रिप्टो इंडस्ट्री को अपना सपोर्ट दिया है। अपने चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि जो लोग क्रिप्टो ट्रेडिंग से हर साल 40,000 डॉलर से कम का मुनाफा कमाते हैं, उन्हें टैक्स भुगतान करने से छूट दी जाएगी। यूं सुक-योल देश में क्रिप्टो नियमों को आसान बनाने का अनुरोध भी कर चुके हैं।
बहरहाल, डुनामा के लिए नियमों को खख्त किया जाता है, तो जाहिर तौर पर इससे कंपनी पर दबाव बढ़ेगा। उसे बड़ी डील्स और जानकारियां शेयर करनी होंगी। KFTC की इस कथित तैयारी का देश के क्रिप्टो मार्केट पर क्या असर होता है, यह आने वाले वक्त में पता चलेगा, अगर ऐसा कुछ होता है।
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