EGM नोटिस के अनुसार, भारती एयरटेल मोबाइल टावर कंपनी इंडस टावर्स के साथ बिजनेस पर लगभग 88,000 करोड़ रुपये, भारती हेक्साकॉम के साथ ट्रांजैक्शन पर लगभग 14,000 करोड़ रुपये और डेटासेंटर फर्म Nxtra से सर्विसेज लेने के लिए 15,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। भारती एयरटेल ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है, “दुनिया भर में 5G को लेकर डिवेलपमेंट्स हो रही हैं और भारत में भी 5G जल्द शुरू हो जाएगा। इसकी शुरुआत बड़े शहरों से होगी और इसके बाद यह देश के बाकी हिस्सों में पहुंचेगा। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की जरूरत होगी।”
टेलीकॉम मार्केट में कड़े कॉम्पिटिशन के कारण भारती एयरटेल को 5G नेटवर्क को जल्द लॉन्च करने की जरूरत होगी। इस मार्केट में रिलायंस जियो के आने के बाद से कॉम्पिटिशन कड़ा हुआ है। जियो के टैरिफ कम रखने के कारण अन्य टेलीकॉम कंपनियों को भी अपने टैरिफ में कटौती करनी पड़ी थी। इस वजह से कुछ टेलीकॉम कंपनियों का मर्जर हो गया या उन्हें मार्केट से बाहर होना पड़ा। टैरिफ कम होने से टेलीकॉम कंपनियों के रेवेन्यू और प्रॉफिट पर भी बड़ा असर पड़ा था।
भारती एयरटेल का टेलीकॉम बिजनेस अफ्रीका में भी फैला है। कंपनी के अफ्रीकी बिजनेस का प्रदर्शन हाल के वर्षों में बेहतर हुआ है। हालांकि, इसके देश में बिजनेस को लेकर चुनौतियां बनी हुई हैं। भारती एयरटेल ने हाल ही में गूगल के साथ भी एक बड़ी इनवेस्टमेंट डील की थी। इससे कंपनी को 5G से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड जुटाने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार की ओर से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू से जुड़ी बकाया रकम चुकाने की अवधि बढ़ाने की अनुमति मिलने से टेलीकॉम कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर दबाव कम होने की उम्मीद है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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