न्यूज़ एजेंसी Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस इलेक्ट्रिक शिप का इस्तेमाल अगले वर्ष शुरू होगा। इससे प्रति वर्ष लगभग 1,000 टन कार्बन इमिशन को कम किया जा सकेगा। शिप दो वर्ष में पूरी तरह ऑटोनॉमस होने की उम्मीद है।
Yara इससे पोर्सग्रन के अपने प्लांट में CO2 का इमिशन कम कर सकेगी, जो नॉर्वे में CO2 के बड़े कारणों में से एक है।
कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, स्वेन टोर होलथर ने कहा, “यह संभव है इसे दिखाने के लिए हमने टेक्नोलॉजी से जुड़ा बड़ा कदम उठाया है। मुझे लगता है कि दुनिया में कई रूट्स पर इस प्रकार के शिप का इस्तेमाल किया जा सकता है।”
इस शिप को Vard Norway ने बनाया है कि और इसके रिमोट और ऑटोनॉमस फंक्शंस के लिए सेंसर्स और इंटीग्रेशन सहित टेक्नोलॉजी Kongsberg ने उपलब्ध कराई है।
शिप के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर, Yara के Jostein Braaten ने बताया कि यह शिप सेलर्स की नहीं, बल्कि ट्रक ड्राइवर्स की जगह लेगा।
यह ऑटोमैटिक तरीके से कार्गो को लोड और ऑफलोड करेगा, बैटरी को रिचार्ज करेगा और नेविगेट कर सकेगा। इसमें लगे सेंसर्स पानी में नावों जैसी चीजों की जल्द पहचान करेंगे जिससे शिप यह तय कर सकेगा कि किसी चीज से टकराने से बचने के लिए क्या करना है।
शिप शुरुआत में प्रति सप्ताह दो चक्कर लगाएगा। इसकी कैपेसिटी एक बार में 20 फुट के फर्टिलाइजर के 120 कंटेनर ले जाने की है।
इसकी बैट्रीज स्विट्जरलैंड की कंपनी Leclanche ने उपलब्ध कराई हैं। इसमें आठ बैटरी रूम हैं जो 7 मेगावॉट आवर्स की पावर देते हैं, जो अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला की लगभग 100 कारों के बराबर पावर है।
इस शिप के इस्तेमाल के नतीजों के आधार पर अन्य देशों भी इस तरह के एक्सपेरिमेंट कर कार्बन इमिशन को कम करने की कोशिशें कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कॉस्ट एक महत्वपूर्ण मापदंड होगी।