Sakat Chauth to take away all pain
– फोटो : google
सकट चौथ पर तिल दान महत्व
सकट चौथ अवसर पर आप के लिए भगवान श्री गणेश जी को तिल से बने खाद्य पदार्थ को प्रसाद रुप में उपयोग किया जाता है. तिल को इस दिन भगवान के भोग एवं दान से जुड़े कार्यों में शामिल किया जाता है. इस समय के दौरान सौभाग्य की वृद्धि के लिए भी तिल का दान बहुत अनुकूल माना जाता है. तिलों का भोग एवं दान सभी प्रकार के पापों को समाप्त करने वाला होता है. इस दिन गणेश जी को तिल से बने मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है.
हरिद्वार गंगा घाट पर कराएँ 10 महादान और पाएं सभी पापों से मुक्ति का वरदान
भगवान भैरव की पूजा से दूर होंगे ग्रहों के दोष और मिलेगी शत्रुओं पर विजय
सकट चौथ तिथि मुहूर्त समय
माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 21 जनवरी 08:51 पर होगा. चतुर्थी तिथि की समाप्ति 22 जनवरी 09:14 पर होगी. सौभाग्य, शोभन योग का निर्माण होने से यह शुभफल प्रदान करने वाली होगी. शुक्रवार 21 जनवरी को रात 9 बजे चंद्र उदय का समय होगा और इसी के साथ चंद्र पूजन द्वारा सकट चौथ के व्रत को संपन्न किया जाएगा.
सकट चौथ अपने नाम अनुरुप सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने वाली और पापों के शमन की कारक है. इस चतुर्थी पर सभी प्रकार के रोग भी दूर हो जाते हैं. यह व्रत संतान के आयुष और सौभाग्य में वृद्धि करने वाला होता है. इस चत्रुथी के समय पर सौभाग्य योग*8 का निर्माण ओता है तथाचंद्र* पूजन करना उतम फलदायी माना गया है. इस पूजा के समय पर चंद्र देव का पूजन करने के साथ चंद्र देव को अर्घ्य प्रदान करना भी शुभ होता है. काम काज में आ रही किसी भी विपत्ति को यह व्रत आसानी से दूर कर देता है. काम के साथ साथ यह जीवन में होने वाले सुख एवं समृद्धि के लिए अत्यंत ही शुभफलदायी माना गया है.
गणेश पूजा में दुर्वा और तिल एवं मोदक को शामिल किया जाना शुभदायक होता है. यह व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला और सफलता प्राप्ति का अचूक उपाय भी होता है.