क्या
थी
शेन
वॉर्न
की
लिक्विड
डाइट?
शेन
वॉर्न
के
मैनेजर
के
अनुसार,
वॉर्न
14
दिन
की
लिक्विड
डाइट
पर
थे
जिसमें
सिर्फ
लिक्विड
चीजें
शामिल
थी
सॉलिड
खाने
का
कुछ
नहीं
था।
वहीं
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
वार्न
की
मौत
से
पहले
वाले
हफ्ते
में
उन्हें
सामान्य
से
ज्यादा
पसीना
आने
की
समस्या
हो
रही
थी।
अपने
आहार
में
केवल
लिक्विड
लेने
का
उद्देश्य
शरीर
में
कैलोरी
की
कमी
को
पूरा
करना
होता
है
जिससे
कोई
भी
अतिरिक्त
फेट
का
सेवन
करने
और
वजन
कम
करने
के
लिए
मजबूर
हो
जाता
है।
पहले
भी
जा
चुके
है
इस
डाइट
पर
शेन
वॉर्न
ने
फरवरी
के
अंत
में
एक
पोस्ट
शेयर
करते
हुए
लिखा
था
कि
‘ऑपरेशन
श्रेड
शुरू
हो
गया
है
(10
दिन
में)
और
जुलाई
तक
आकार
में
वापस
आना
है।’
वॉर्न
के
मैनेजर
जेम्स
एर्स्किन
ने
एक
इंटरव्यू
में
बताया
कि
वो
एक
तरह
का
डाइट
प्लान
फॉलो
कर
रहे
थे।
इस
दौरान
उन्होंने
14
दिनों
तक
केवल
लिक्विड
पदार्थ
लिए।
वो
पहले
भी
इस
तरह
के
डाइट
पर
जा
चुके
थे।
एर्स्किन
ने
आगे
बताया
कि
वो
ब्लैक
या
ग्रीन
जूस
पीते
थे.
उन्होंने
अपने
जीवन
में
ज्यादातर
समय
धूम्रपान
किया
है।
मुझे
लगता
है
कि
यह
सिर्फ
एक
बड़े
पैमाने
पर
दिल
का
दौरा
था।
30
दिन
की
फास्टिंग
टी
डाइट
पर
थे
वॉर्न
के
बेटे
ने
बताया
है
किन
उनके
पिता
नियमित
रूप
से
30
दिन
की
फास्टिंग
टी
डाइट
पर
थे।
रिपोर्ट्स
में
बताया
गया
था
कि
वॉर्न
ने
उनकी
मृत्यु
से
कुछ
दिनों
पहले
डाइट
प्लान
को
पूरा
किया
था
और
उसके
बाद
आखिरी
मील
में
वेजीमाइट
टोस्ट
खाया
था।
लिक्विड
डाइट
का
दिल
पर
असर
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
में
छपी
एक
रिपोर्ट
के
अनुसार
हालांकि
ऐसा
कोई
सबूत
नहीं
है
कि
वॉर्न
के
असामयिक
निधन
के
पीछे
की
वजह
लिक्विड
डाइट
ही
है।
बता
दें
कि
लिक्विड
डाइट
में
अमूमन
कई
प्रकार
के
जूस
होते
हैं
जिसमें
मिनरल्स
और
विटामिन्स
होते
हैं।
इन
जूस
में
प्रोटीन
और
फेट
नहीं
होता
और
ना
ही
फाइबर।
लेकिन
हेल्थ
एक्सपर्ट्स
बताते
हैं
कि
आहार
बेलैंस
होना
चाहिए
ऐसा
ना
करने
पर
कई
समस्याएं
पैदा
हो
सकती
हैं।
हार्ट
फाउंडेशन
के
हेल्थ
एक्सपर्ट
प्रोफेसर
गैरी
जेनिंग्स
के
अनुसार,
कुछ
स्थितियों
में
कम
कैलोरी
वाला
दिल
की
सेहत
को
प्रभावित
सकता
है।
जाहिर
है
लिक्विड
डाइट
से
आपको
जरूरी
पोषक
तत्व
नहीं
मिल
पाते
हैं।
ऐसा
माना
जाता
है
कि
कम
कैलोरी
वाले
खाने
में
प्रोटीन,
कार्बोहाइड्रेट,
फैट,
विटामिन
और
मिनरल्स
का
सही
संतुलन
नहीं
होता
है।
बीबीसी
की
एक
रिपोर्ट
बताती
है
कि
लिक्विड
डाइट
के
कई
साइड
इफेक्ट
हो
सकते
हैं
जैसे
सिरदर्द,
चक्कर
आना,
थकान,
दस्त
या
कब्ज
है।
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