Sunday, April 17, 2022
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शुरू हो चुका है वैशाख का महीना, जानिए इस दौरान पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट


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Vaisakh Month 2022

Highlights

  • वैशाख मास 18 मई को वैशाख पूर्णिमा के साथ ही समाप्त होगा।
  • इंदु प्रकाश से जानिए वैशाख मास के दौरान पड़ने वाली कुछ विशेष तिथियों के बारे में।

आज यानी 17 अप्रैल से वैशाख का महीना शुरू हो गया है। हमारी संस्कृति में वैशाख मास का बहुत महत्व है।  शास्त्रों में वैशाख मास के दौरान किये जाने वाले बहुत-से यम-नियम आदि का जिक्र भी किया गया है, यानि आज से शुरू होकर वैशाख मास की पूर्णिमा तक ये यम-नियम आदि चलेंगे। वैशाख मास के दौरान किये जाने वाले कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण है- तुलसीपत्र से श्री विष्णु पूजा। जी हां, आज से लेकर पूरे 30 दिनों तक तुलसी की पत्तियों से भगवान विष्णु का पूजन किया जाना चाहिए। इससे व्यक्ति को करियर में तरक्की के साथ ही अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है। इसके अलावा उस व्यक्ति के घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

वैशाख मास 18 मई को वैशाख पूर्णिमा के साथ ही समाप्त होगा। तो आइए इंदु प्रकाश से जानते हैं वैशाख मास के दौरान पड़ने वाली कुछ विशेष तिथियों-व्रत के बारे में।

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19 अप्रैल- संकट चतुर्थी

वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यानि 19 अप्रैल, दिन मंगलवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा। मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से समस्त समस्याओं का निवारण होता है। 

21 अप्रैल- श्री तेग बहादुर जयंती

वैशाख कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानि 21 अप्रैल, दिन गुरूवार को श्री तेग बहादुर जयंती मनाई जाएगी। 

23 अप्रैल- शीतलाष्टमी और कालाष्टमी

वहीं वैशाख कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानि 23 अप्रैल, दिन शनिवार को श्री शीतलाष्टमी और कालाष्टमी मनाई जाएगी।  

26 अप्रैल- वरूथिनी एकादशी का व्रत

26 अप्रैल यानि वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरूथिनी एकादशी का व्रत किया जायेगा। वरूथिनी एकादशी का व्रत सुख-सौभाग्य का प्रतीक है। जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत करता है, भगवान विष्णु उसकी हर संकट से रक्षा करते हैं। 

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 27 अप्रैल – शुक्र माह का मीन राशि में प्रवेश

इसके आलावा 27 अप्रैल की शाम 6 बजकर 17 मिनट पर शुक्राचार्य कुम्भ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। 

30 अप्रैल- शनिश्चरी अमावस्या

वैशाख महीने की अमावस्या इस बार 30 अप्रैल, दिन शनिवार को पड़ रही है। लिहाजा यह शनिश्चरी अमावस्या होगी। दरअसल जब अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ रही हो, तो उसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं और शास्त्रों में शनिश्चरी अमावस्या का बड़ा ही महत्व है। इस दिन विशेष रूप से शनि ग्रह से संबंधी उपाय किये जाते हैं, जिनके बारे में हम आपको विस्तार से शनिश्चरी अमावस्या के दिन ही बतायेंगे। 

जानिए वैशाख शुक्ल पक्ष के दौरान मनाये जाने वाले त्योहारों के बारे में 

3 मई – अक्षय तृतीया

वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनायी जाती है। इस बार अक्षय तृतीया 3 मई को मंगलवार के दिन पड़ रही है। अक्षय तृतीया के दिन दान, स्नान, जप, यज्ञ आदि का भी बहुत महत्व है। कहते हैं इस दिन जो कुछ भी दान किया जाये या कोई भी शुभ कार्य किया जाये, उसका कर्ता को अक्षय फल प्राप्त होता है। इसी दिन यानि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ही परशुराम जयंती भी मनाई जाएगी। इसके अगले दिन यानि 4 मई, वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा। 

8 मई – गंगा सप्तमी

वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी को गंगाजी का पूजन करना चाहिए। माना जाता है कि इस तिथि को महर्षि जह्नु ने अपने दाहिने कान से गंगा जी को बाहर निकाला था। इस दिन मध्याह्न के समय गंगा जी की पूजा की जाती है।  इस बार गंगा सप्तमी 8 मई को रविवार के दिन मनायी जायेगी। 

9 मई – बगलामुखी जयंती

 वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को, जो कि इस बार 9 मई को पड़ रही है, उस दिन मां दुर्गा के अपराजिता स्वरूप की प्रतिमा को कपूर और जटामासी से युक्त जल से स्नान कराना चाहिए तथा स्वयं आम्ररस से, यानी आम के रस से स्नान करना चाहिए।  श्री बगलामुखी जयंती भी 9 मई को ही मनायी जायेगी। इस दिन दस महाविद्याओं में से एक देवी बगलामुखी की उपासना की जाती है। 

12 मई- मोहिनी एकादशी

वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानि 12 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत किया जायेगा। 

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13 मई – शुक्र प्रदोष व्रत

इसके आलावा 13 मई की को शुक्र प्रदोष व्रत किया जायेगा और दस महाविद्याओं में से एक देवी छिन्नमस्ता की जयंती इसी महीने यानि वैशाख में ही 14 मई, शनिवार के दिन मनायी जायेगी और इसी दिन नृसिंह चतुर्दशी व्रत भी किया जायेगा। 

16 मई- वैशाख पूर्णिमा

 शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा का भी बड़ा ही महत्व है। विशाखा नक्षत्र से युक्त होने के कारण इसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है । इस बार वैशाख महीने की पूर्णिमा 16 मई पड़ रही है। 





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