Before Marriage Relationship Tips: शादी तय होने के बाद का समय काफी एक्साइटिंग होता है. खासतौर पर अगर शादी परिवार की पसंद से की जा रही हो. यानी अरेंज मैरिज (Arrange Marriage) हो. आजकल रिश्ता पक्का होने के बाद ही मोबाइल नंबर एक्सचेंज हो जाते हैं और होने वाले पति-पत्नी के बीच घंटों की बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाता है. जो कि एक अच्छी चीज है. ताकि आप एक-दूसरे को समझ पाएं, अपने होने वाले पार्टनर की फ्यूचर प्लानिंग के बारे में जान पाएं और आपस में एक-दूसरे की पसंद-नापसंद को समझ सकें.
हालांकि इस बीच प्यार के खुमार में और अतिभावुक होकर लड़के-लड़कियां कुछ गलतियां कर बैठते हैं. इनमें परिवार और रिश्तों से जुड़ी बातें शामिल हैं, जो शुरुआत में तो बहुत अच्छी लगती हैं लेकिन भविष्य में आपके लिए बहुत घातक साबित हो सकती हैं. जैसे, लड़कियां अपने घर के सारे सीक्रेट्स अपने होने वाले पति को बताने लगती हैं. इनमें आर्थिक, सामाजिक सभी तरह की बातें शामिल होते हैं. साथ ही शामिल होता है रिश्तों के बीच का तालमेल. किसके साथ आपकी अधिक बनती है और किसके साथ कम.
हालांकि ये बातें आपको बहुत जल्दी में शेयर नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करके आप अपनी कमजोरियां भी अपने पार्टनर को बता रही होती हैं. अगर आपका पार्टनर समझदार निकला तो आगे कोई दिक्कत नहीं आएगी लेकिन अगर रिश्तों में किसी भी वजह से कोई तकरार या दिक्कत हुई तो आपको अपने मायके की बातों के चलते ताने सुनने को मिल सकते हैं. जो आपको बिल्कुल पसंद नहीं आएगा.
कुछ सीमाएं तय करें
कुछ बातें (खासतौर पर जो आपके मायके के रिश्तेदारों से संबंध के बारे में जुड़ी हैं) शादी के बाद ही अपने पति से साझा करें. ऐसा इसलिए क्योंकि शादी के बाद उनके घर में रहकर आप यह जान पाएंगी कि आपके ससुराल के लोगों की सोच और विचार कैसे हैं. ऐसे में आपके लिए तय करना आसान होगा कि आपको कौन-सी बात पति को बतानी है और कौन-सी नहीं. इसलिए जरूरी है कि आप अपने लिए कुछ सीमाएं तय कर लें.
परिवार की कमजोरियां और ताकत
एक महिला को अपने मायके और ससुराल दोनों घरों की कमजोर कड़ियां भी पता होती हैं और मजबूत पिलर्स की जानकारी भी होती है क्योंकि आप दोनों परिवारों से गहराई से जुड़ी होती हैं. ऐसे में मायके की कमजोरियां और ताकत ससुराल में उजागर नहीं करनी हैं और ससुराल की ये बातें मायके में नहीं बतानी हैं क्योंकि दोनों परिवारों का सम्मान आप पर निर्भर करता है और यह बात भी आप पर ही निर्भर है कि इन दोनों परिवार के सदस्यों के बीच आपसी संबंध कैसे होंगे. इसलिए शादी के पहले शेयरिंग करते हुए उतावलापन नहीं दिखाना है और शादी के बाद जिम्मेदारी को समझना है.
बॉस नहीं पार्टनर बनें
शादी फिक्स होने के बाद लड़के और लड़कियां दोनों ही हर बात पर सामने वाले को खुश करने की कोशिश में लगे रहते हैं. ऐसे में दोनों ही वो काम भी करते हैं, जो इन्हें वास्तव में खुशी नहीं देते. ऐसा ना करें क्योंकि आपका ऐसा करना आपके पार्टनर को यह अहसास देता है कि आप इस सबमें खुश हैं. जबकि असल में ऐसा होता नहीं है. फिर यही काम और उम्मीदें जब शादी के बाद आपका पार्टनर आपसे करता है तो आपको गुस्सा आता है, बुरा लगता है. जो कि रिश्ते में दरार पैद करता है. इसलिए ना तो रिश्ते को लीड करने के कोशिश करें और ना ही पूरी तरह सरेंडर करें. आपको बैलंस बनाकर रखना है.
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