Shani Dev : 5 नवंबर 2021, शुक्रवार से हिंदू कैलेंडर कार्तिक मास का शुक्ल पक्ष आरंभ हो चुका है. 6 नवंबर को शुक्ल पक्ष का प्रथम शनिवार है. इस दिन भाई दूज का पर्व भी है. जो भाई बहनों को समर्पित है. इस बार भाई दूज का पर्व शनिवार के दिन पड़ रहा है. शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है.
शनि देव की सबसे प्रिय राशि कौन सी है
शनि देव वर्तमान समय में मकर राशि में विराजमान हैं. मकर राशि शनि देव की सबसे प्रिय राशि भी मानी गई है. मकर राशि में शनि के साथ देव गुरु बृहस्पति भी बैठे हुए हैं. जन्म कुंडली में शनि देव अलग अलग भावों में अलग अलग फल प्रदान करते हैं. शनि देव जब अशुभ होते हैं ये तो ये फल प्रदान करते हैं-
- नौकरी में बाधा
- व्यापार में रूकावट
- तलाक की स्थिति
- प्रेम संबंध में बाधा
- शिक्षा में परेशानी
- वाद-विवाद
- जेल जाने की स्थिति
- धन की हानि
- सेहत से जुड़ी बड़ी परेशानी
शनि देव को शांत रखना क्यों जरूरी है?
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का कारक माना गया है. शनि देव व्यक्ति के अच्छे बुरे कार्यों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं. व्यक्ति जब गलत कार्य करता है तो शनि देव उसे दंड़ देते हैं और जीवन में कई प्रकार की परेशानियां प्रदान करते हैं. शनि देव जीवन में नियम, अनुशासन और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते है. शनि देव उन लोगों को कभी परेशान नहीं करते हैं, जो दूसरों के धन लोभ नहीं करते हैं और कमजोर व्यक्तियों को सताते नहीं है. कमजोर और परिश्रम करने वालों को सताने पर शनि देव बहुत जल्द नाराज होते हैं.
मिथुन, तुला सहित इन राशियों पर शनि की दृष्टि
शनि देव को शांत करने के लिए सभी राशि वालों को शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा करनी चाहिए. वर्तमान समय में मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की दृष्टि है. मिथुन और तुला पर शनि की ढैया और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए इन राशि वालों को शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करनी चाहिए. इस दिन शनि देव को सरसों का तेल और काले तिल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
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