डायोन की खोज साल 1684 में जियोवानी कैसिनी ने की थी। यह सिर्फ 562 किलोमीटर का एक छोटा चंद्रमा है, जो हमारे चंद्रमा का लगभग एक तिहाई है। डायोन हर 2.7 दिनों में 377,400 किलोमीटर की दूरी पर शनि की परिक्रमा करता है। यह लगभग उतनी ही दूरी है, जितनी दूरी पर चंद्रमा हमारी पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि डायोन मुख्य रूप से बर्फ से बना है। इसका औसत तापमान माइनस 186 डिग्री सेल्सियस है। इसकी बर्फ बहुत कठोर है, जो चट्टानों की तरह ही काम करती है।
नासा ने कहा है इस तस्वीर को मई 2015 में कैसिनी स्पेसक्राफ्ट ने कैप्चर किया था। इसने 20 साल तक अंतरिक्ष में सर्विस दी थी। कैसिनी स्पेसक्राफ्ट को उसके आखिरी मिशन के तहत शनि के एक और चंद्रमा एन्सेलेडस के बारे में पता लगाने के लिए भेजा गया था। माना जाता है कि यह चंद्रमा जीवन के लिए अनूकूल हो सकता है। कैसिनी ने सितंबर 2017 में शनि के वायुमंडल में प्रवेश किया था।
इस अंतरिक्ष यान में दो एलिमेंट्स थे- कैसिनी ऑर्बिटर और ह्यूजेंस प्रोब। यह अंतरिक्ष यान नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और इटैलियन अंतरिक्ष एजेंसी का मिशन था। इसने शनि ग्रह को लेकर कई जानकारियां उपलब्ध कराईं। नासा का कहना है कि शनि के 82 चंद्रमा हैं। इनमें से 53 की पुष्टि की गई है और उन्हें नाम दिए गए हैं। 29 चंद्रमाओं की पुष्टि होना अभी बाकी है। शनि का सबसे बड़ा चंद्रमा टाइटन है।
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