वैज्ञानिकों ने गोल्डफिश के मूवमेंट्स को स्टडी किया। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि कार को उसके लक्ष्य तक पहुंचाने की गोल्डफिश की काबिलियत जानवरों की नेविगेशनल क्षमता के महत्वपूर्ण गुणों को निर्धारित करेगी।
बिहेवियरल ब्रेन रिसर्च जर्नल (Behavioural Brain Research journal) में पिछले महीने यह स्टडी पब्लिश हुई थी। इसमें रिसर्चर्स ने लिखा है कि उन्होंने एक गोल्डफिश को फिश ऑपरेटेड व्हीकल (FOV) चलाने की ट्रेनिंग दी। गाड़ी के पहिए में लगा प्लेटफॉर्म वॉटर टैंक में मछली के मूवमेंट्स पर प्रतिक्रिया करता है। वैज्ञानिकों ने प्रयोग यह पता लगाने के लिए किया कि क्या जानवरों में कोई अलग गुण हैं। इस एक्सपेरिमेंट ने दिखाया कि कोई प्रजाति बाहरी दखल होने पर कैसे प्रतिक्रिया करेगी।
गोल्डफिश को कुछ दिनों तक ट्रेनिंग की जरूरत होती है। इसके बाद वह फिश ऑपरेटेड व्हीकल (FOV) को उसके लक्ष्य तक पहुंचा सकती है। एक्सपेरिमेंट से साबित हुआ कि गोल्डफिश की नेविगेशनल क्षमता सिर्फ जलीय वातावरण तक ही सीमित नहीं थी। वह उन क्षमताओं को वॉटर टैंक जैसे वातावरण में भी ढाल सकती थी। इससे जुड़ा एक वीडियो भी बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है।
The Independent की एक रिपोर्ट के अनुसार, नैचुरल साइंसेज फैकेल्टी के लाइफ साइंसेज डिपार्टमेंट में पीएचडी के स्टूडेंट शचर गिवोन ने कहा, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि गोल्डफिश की नेविगेशनल स्किल्स यूनिवर्सल थीं। यानी वह किसी भी परिस्थिति में यह कर सकती है। यह भी पता चला कि गोल्डफिश के अंदर जटिल काम को सीखने की क्षमता होती है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि ट्रेनिंग के बाद गोल्डफिश कार को ऑपरेट कर सकती थी और किसी भी शुरुआती बिंदु से अपने टारगेट तक पहुंच सकती थी। उसने गलत जगह से बचना और अपनी गलतियों को ठीक करना भी सीखा।
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