एडिशनल ऑब्जर्वेशन ने वैज्ञानिकों को इन एस्टरॉयड की पुरानी लोकेशन में जाने में मदद की। इसके बाद ऑर्बिटल कैलकुलेशन से यह निर्धारित किया गया कि अतीत में दो एस्टरॉयड सिर्फ एक इकाई थे। वैज्ञानिकों ने दो मॉडल का इस्तेमाल किया जिसके अनुसार, पैरंट एस्टरॉयड 230 और 420 साल पहले या 265 और 280 साल पहले टूट गया होगा। इसी वजह से ये दो एस्टरॉयड बन गए।
यह रिसर्च पेपर 2 फरवरी को रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी जर्नल के मंथली नोटिस में प्रकाशित हुआ है।
नई रिसर्च के लीड लेखक पेट्र फतका (Petr Fatka) ने एक बयान में कहा कि ऐसे युवा एस्टरॉयड जोड़े की खोज करना बहुत रोमांचक है, जो लगभग 300 साल पहले बने थे। इस रिसर्च के लिए जरूरी कुछ ऑब्जर्वेशन अमेरिका के एरिजोना की लोवेल ऑब्जर्वेट्री से जुटाए गए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुड़वा एस्टरॉयड को D-टाइप एस्टरॉयड की कैटिगरी में रखा गया है। इसका मतलब यह है कि उन्हें कंपाउंड्स में समृद्ध माना जाता है। बहुत अधिक गर्मी के संपर्क में आने पर यह अंतरिक्ष में जल्दी से घुल जाते हैं। हकीकत में सूर्य के पास D-टाइप के एस्टरॉयड मिलना दुर्लभ है। ये जुड़वां एस्टरॉयड पृथ्वी की कक्षा के रूप में सूर्य के करीब आते हैं।
बात करें कुछ अन्य एस्टरॉयड की, तो पृथ्वी के नजदीक अगले कुछ दिनों में एक बड़ी खगोलीय घटना होने वाली है। 1 किलोमीटर लंबा एक एस्टरॉयड अगले सप्ताह पृथ्वी के पास से गुजरने के लिए तैयार है। हालांकि आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। जब यह एस्टरॉयड पृथ्वी के पास से गुजरेगा, तब भी इसके और हमारे ग्रह के बीच 1.93 मिलियन किलोमीटर की दूरी होगी।
इसका मतलब है कि यह एस्टरॉयड चंद्रमा की तुलना में पृथ्वी से 5.15 गुना अधिक दूर होगा। हमारे वैज्ञानिक और खगोलविद आने वाली खगोलीय घटनाओं पर नियमित नजर रखते हैं। इनके बारे में लोगों को अपडेट दिए जाते हैं, ताकि लोग भी इस घटनाओं के गवाह बन सकें। अब खगोलविदों ने पाया है कि एस्टरॉयड (7482) 1994 PC1 जल्द ही पृथ्वी के पास पहुंचेगा।