नई दिल्ली. 5 साल पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और कोच अनिल कुंबले (Anil Kumble) के बीच विवाद से भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ गया था. बात इस कदर बिगड़ गई थी कि कुबंले को अपना पद छोड़ना पड़ा था. अब इस विवाद को लेकर पूर्व CAG विनोद राय ने एक किताब के जरिए बड़ा खुलासा किया है. 2017 में, सुप्रीम कोर्ट ने राय को प्रशासकों की समिति (सीओए) का प्रमुख बनाया था, जिसने करीब तीन साल तक भारतीय क्रिकेट को चलाया था.
पूर्व CAG विनोद राय ने अपनी किताब ‘नॉट जस्ट ए नाइटवॉचमैन: माय इनिंग्स इन द बीसीसीआई’ में विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच रिश्ते ठीक नहीं होने की बात लिखी है. पूर्व आईएएस अधिकारी कहते हैं कि कप्तान-कोच के बीच के रिश्तों में आई दरार से क्रिकेट प्रशासकों की समिति भी परेशान थी.
क्या कोच कुंबले से डरते थे युवा खिलाड़ी?
पूर्व सीओए विनोद राय ने अपनी किताब में यह लिखा है, “कप्तान और टीम मैनेजमेंट के साथ मेरी बातचीत में, यह बताया गया था कि कुंबले अनुशासन के मामले में बहुत सख्त थे और इसलिए टीम के सदस्य उनसे बहुत खुश नहीं थे. मैंने इस मुद्दे पर विराट कोहली से बात की थी और उन्होंने भी यह बात कही थी कि टीम के युवा सदस्य कोच कुंबले के काम करने के तरीके से काफी डरे रहते थे.”
दूसरी ओर, कुंबले ने सीओए से कहा था कि उन्होंने टीम के हित को सबसे ऊपर रखते हुए काम किया और हेड कोच के रूप में उनके सफल रिकॉर्ड को खिलाड़ियों की कथित शिकायतों से अधिक महत्व दिया जाना चाहिए.
कुंबले विवाद को लेकर परेशान थे
पूर्व सीओए ने अपनी किताब में 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद कुंबले से हुई लंबी बातचीत का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है, “कुंबले के ब्रिटेन से लौटने के बाद क्रिकेट प्रशासकों की समिति की उनसे लंबी बातचीत हुई. जिस तरह से इस पूरे मसले को सामने लाया गया था, उससे कुंबले परेशान थे. उन्हें लगा कि उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया है और एक कप्तान या टीम को इतनी अधिक अहमियत नहीं दी जानी चाहिए. टीम में अनुशासन और प्रोफेशनलिज्म लाना कोच की जिम्मेदारी थी और सीनियर होने के नाते खिलाड़ियों को उनकी सोच और विचारों का सम्मान करना चाहिए था.”
सीएसी ने कुंबले और कोहली से लंदन में बात की थी
इस किताब में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी)- जिसमें सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण शामिल थे- ने जून 2017 में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान कोहली और कुंबले से बात की थी. इस दौरान टीम इंडिया के नए हेड कोच को लेकर भी चर्चा हुई थी.
कुंबले को दोबारा कोच बनाने का लिया गया था फैसला
किताब में यह दावा किया है कि कोहली-कुंबले के को लेकर तत्कालीन सीईओ राहुल जौहरी और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने भी दोनों पक्षों के साथ बातचीत की थी. इन दोनों ने महसूस किया था कि मतभेद काफी गंभीर थे और क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ही विवाद पर कुंबले और विराट से बात करने के लिए सबसे उपयुक्त थी. इसके बाद सीएसी ने लंदन में कुंबले और कोहली से अलग-अलग बातचीत की थी. 3 दिन तक चली बातचीत के बाद, उन्होंने कुंबले को दोबारा हेड कोच नियुक्त करने की सिफारिश करने का फैसला किया था. लेकिन, बाद में कुंबले ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने पद से ही इस्तीफा दे दिया था. पूर्व सीओए विनोद राय के मुताबिक, यह फैसला उनके लिए भी किसी झटके से कम नहीं था.
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कुंबले ने कोच बने रहने से इनकार कर दिया था
किताब के मुताबिक, कुंबले ने अपने इस्तीफे में लिखा, “मुझे बीसीसीआई से यह जानकारी मिली थी कि कप्तान को मेरी कोचिंग स्टाइल और मेरे हेड कोच के रूप में बने रहने पर आपत्ति है. मैं इसे लेकर हैरान था. क्योंकि मैंने हमेशा से ही कप्तान और कोच के बीच की भूमिका की सीमाओं का सम्मान किया था.”
इस पूरे विवाद के बाद रवि शास्त्री को टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया था. हालांकि, उनकी नियुक्ति को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ था. लेकिन शास्त्री 4 साल तक टीम इंडिया के कोच बने रहे और उनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने कामयाबी की नई इबारतें गढ़ीं.
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