Monday, January 17, 2022
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विराट कोहली का कप्तानी से खेल खत्म, सिर्फ सचिन किनारा करने पर हुए पास; जानिए अजहर से लेकर धोनी तक का रिपोर्ट कार्ड


नई दिल्ली. विराट कोहली (Virat Kohli) पर पिछले 3 दिन से सबसे अधिक चर्चा हाे रही है. उसकी वजह भी है. उन्होंने टीम इंडिया (Team India) की टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी है. टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में (India vs South Africa) 1-2 से हार मिली थी. हालांकि उनके कप्तानी छोड़ने के फैसले को हार से अधिक बीसीसीआई (BCCI) के साथ उनके विवाद को अहम माना जा रहा है. टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के बाद कोहली ने टी20 टीम की कप्तानी छोड़ दी थी. लेकिन वे वनडे और टेस्ट के कप्तान बने रहना चाहते थे. लेकिन उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया गया था. तभी से विवाद चल रहा था. भारतीय क्रिकेट के इतिहास को देखें तो कप्तानी छोड़ने के बाद कई बड़े दिग्गज शतक तक नहीं लगा सके. ऐसे में कोहली के लिए राह आसान नहीं रहने वाली.

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 19 जनवरी से वनडे सीरीज शुरू हो रही है. विराट कोहली पहली बार कप्तानी से हटने के बाद कोई वनडे का मुकाबला खेलने जा रहे हैं. सीरीज में केएल राहुल (KL Rahul) कप्तानी करते दिखाई देंगे. हालांकि वनडे की कप्तानी रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को मिली हुई है. लेकिन वे अभी चोटिल हैं. ऐसे में क्या कोहली कप्तानी से हटने के बाद बल्ले से कमाल कर सकेंगे. इस पर सभी की निगाहें हैं. आखिर टीम इंडिया के बड़े स्टार कप्तानी छोड़ने के बाद कैसा प्रदर्शन कर सके, आइए आपको विस्तार से बताते हैं.

सचिन ने वनडे में 25 तो टेस्ट में जड़े 29 शतक

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से अधिक शतक इंटरनेशनल क्रिकेट में कोई नहीं लगा सका है. वे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं. सचिन 2 बार भारत के कप्तान बने. पहली बार 1996 में फिर 1999 में. लेकिन दोनों ही बार वे बतौर कप्तान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. इस कारण उन्हाेंने इस्तीफा दे दिया. कप्तानी छोड़ने के बाद सचिन ने वनडे की 222 पारियों में 48 की औसत से 9657 रन बनाए. 25 शतक और 51 अर्धशतक लगाया. 200 रन की नाबाद पारी भी खेली. टेस्ट में सचिन ने 208 पारियों में 53 की औसत से 9885 रन बनाए. 29 शतक और 44 अर्धशतक लगाया. यानी कप्तानी छोड़ने के बाद उन्होंने 54 शतक जड़े.

अजहरुद्दीन 13 पारियों में लगा सके सिर्फ एक शतक

मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammad Azharuddin) ने 200 से अधिक मैच में कप्तानी की. लेकिन कप्तान से हटने के बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट आई थी. उन्होंने बतौर कप्तान अंतिम टेस्ट फरवरी 1999 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था. वहीं अंतिम वनडे जून 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला. कप्तानी छोड़ने के बाद वे वनडे की 11 पारियों में 27 की औसत से 268 रन ही बना सके. एक अर्धशतक लगाया. वहीं एक टेस्ट की 2 पारियों में उन्होंने 56 की औसत से 111 रन बनाए. एक शतक जड़ा. यानी कप्तानी जाने के बाद वे 13 पारियों में सिर्फ एक शतक लगा सके.

द्रविड़ ने 12 तो गांगुली ने 4 शतक लगाए

राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने भारत की ओर से 100 से अधिक मैच में कप्तानी की. कप्तानी छोड़ने के बाद उन्होंने टेस्ट की 95 पारियों में 44 की औसत से 3796 रन बनाए. 12 शतक और 15 अर्धशतक लगाया. वहीं वनडे की 15 पारियों में 24 की औसत से सिर्फ 355 रन बना सके. 2 अर्धशतक लगाया. वहीं सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की बात करें तो कप्तानी छोड़ने के बाद उन्होंने टेस्ट की 53 पारियों में 45 की औसत से 2146 रन बनाए. 4 शतक और 10 अर्धशतक लगाया. वहीं वनडे की 28 पारियों में 43 की औसत से 1120 रन बनाए. 11 अर्धशतक लगाया.

यह भी पढ़ें: विराट कोहली ने फेयरवेल मैच खेलने से किया मना, BCCI अधिकारी ने दिया था ऑफर: रिपोर्ट

धोनी एक भी शतक नहीं लगा सके

एमएस धोनी (MS Dhoni) ओवरऑल भारत के सबसे सफल कप्तान हैं. उन्होंने बतौर कप्तान अंतिम टेस्ट दिसंबर 2014 में खेला था. इसके बाद उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा देते हुए टेस्ट से संन्यास ले लिया था. वहीं वनडे की बात की जाए तो उन्होंने कप्तानी छोड़ने के बाद 20 पारियों में 49 की औसत से 686 रन बनाए. 6 अर्धशतक लगाया. वहीं टी20 की 22 पारियों में 42 की औसत से 505 रन बनाए. 2 अर्धशतक लगाया. यानी वे कप्तानी छोड़ने के बाद शतक नहीं लगा सके.

Tags: BCCI, Cricket news, Mohammad azharuddin, Ms dhoni, Rahul Dravid, Sachin tendulkar, Sourav Ganguly, Team india, Virat Kohli



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