Vietnam Net की रिपोर्ट के अनुसार, अथॉरिटीज को डिजिटल एसेट्स की कैटेगरी से जुड़े विभिन्न पहलुओं की पहचान करने को भी कहा गया है। इसमें वर्चुअल एसेट्स के प्रकार पर रिसर्च और इस सेगमेंट को लेकर अन्य देशों के अनुभवों का विश्लेषण शामिल होगा। रिसर्च में सामान्य करेंसी के साथ वर्चुअल एसेट्स के जुड़ाव पर भी जानकारी जुटाई जाएगी।
भारत, ऑस्ट्रेलिया, दुबई और ब्राजील ने क्रिप्टो सेगमेंट को कानून के दायरे में लाने के लिए कदम बढ़ाए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने भी क्रिप्टो सेगमेंट की निगरानी और इसे रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने का आदेश दिया है। क्रिप्टो एसेट्स डीसेंट्रलाइज्ड होते हैं और इस वजह से इनसे जुड़ी ट्रांजैक्शंस का पता लगाना मुश्किल होता है। इससे क्रिप्टोकरेंसीज का मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग जैसी गैर कानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल होने की आशंका बढ़ जाती है। इसी वजह से कई देश इस सेगमेंट पर नियंत्रण कड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। क्रिप्टो से सामान्य करेंसीज को चुनौती मिलने का भी रिस्क है।
इस वजह से कई देश अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) शुरू करने की संभावना तलाश रहे हैं। अमेरिका में क्रिप्टो सेगमेंट पर हाल ही में जारी हुए एग्जिक्यूटिव ऑर्डर में फेडरल रिजर्व को CBDC शुरू करने पर विचार करने के लिए कहा गया है। क्रिप्टोकरेंसीज की तरह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर क्रिएट किया जाता है लेकिन इन पर सेंट्रल बैंक का नियंत्रण होता है। स्टेट बैंक ऑफ वियतनाम को CBDC के बारे में रिसर्च करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। एक अनुमान के अनुसार, वियतनाम में लगभग 50 लाख लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है, जो इसकी जनसंख्या का 6 प्रतिशत से अधिक हैं।
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