कब्ज
करें
दूर
टमाटर
में
94
प्रतिशत
पानी
होता
है।
पानी
से
भरपूर
भोजन
पाचन
क्रिया
को
बढ़ाता
है
और
कब्ज
जैसी
बीमारियों
से
बचाता
है।
हरा
टमाटर
भूख
और
वजन
को
स्वस्थ
जगह
पर
रखने
में
भी
मददगार
होता
है।
2017
के
एक
अध्ययन
के
अनुसार,
फाइबर
पाचन
तंत्र
के
कामकाज
में
सुधार
करता
है,
जिससे
कब्ज
को
रोका
जा
सकता
है।
डायबिटीज
2
टाइप
के
खतरे
को
टालें
हरे
टमाटर
फाइबर
का
अच्छा
स्रोत
हैं।
यह
आंत
और
पाचन
तंत्र
को
मजबूत
करता
है।
एक
कप
हरे
टमाटर
से
लगभग
2
ग्राम
फाइबर
मिलता
है।
फाइबर
ज्यादातर
फलों
और
सब्जियों
और
साबुत
अनाज
में
मौजूद
होता
है,
इसलिए
इन
चीजों
के
साथ
हरा
टमाटर
खाने
से
आपको
ज्यादा
फाइबर
मिल
सकता
है।
फाइबर
हृदय
रोग,
पेट
के
कैंसर
और
टाइप
2
डायबिटीज
से
बचा
सकता
है।
आंखों
के
लिए
बढ़िया
हरे
टमाटर
में
लाल
टमाटर
के
बराबर
बीटा-कैरोटीन
होता
है।
बीटा-कैरोटीन
कई
फलों
और
सब्जियों
में
मौजूद
होता
है
और
आपके
शरीर
को
विटामिन
ए
का
उत्पादन
करने
में
मदद
करता
है।
विटामिन
ए
आंखों
के
स्वास्थ्य
के
लिए
आवश्यक
है
और
आंखों
की
रोशनी
बढ़ाता
है।
इसके
अलावा
विटामिन
एवाइट
रक्त
कोशिकाओं
के
उत्पादन
में
भी
मदद
करता
है।
एक
कप
हरे
टमाटर
में
623
माइक्रोग्राम
बीटा-कैरोटीन
होता
है।
त्वचा
और
हड्डियों
के
लिए
फायदेमंद
जिस
तरह
लाल
टमाटर
में
विटामिन
सी
प्रचुर
मात्रा
में
पाया
जाता
है,
उसी
तरह
हरे
टमाटर
भी
विटामिन
सी
का
एक
पावरहाउस
होते
हैं।
एक
कप
हरे
टमाटर
में
42
मिलीग्राम
विटामिन
सी
होता
है।
विटामिन
सी
का
सेवन
प्रतिरक्षा
प्रणाली
को
मजबूत
करने
में
मदद
कर
सकता
है,
जिससे
आपके
शरीर
को
लड़ने
में
मदद
मिलती
है।
सर्दी,
फ्लू,
और
अन्य
बीमारियां
अधिक
आसानी
से।
विटामिन
सी
आपके
दांतों,
मसूड़ों,
हड्डियों
और
त्वचा
के
स्वास्थ्य
के
लिए
भी
महत्वपूर्ण
है।
खून
के
थक्के
जमने
नहीं
देता
यह
विटामिन
के
का
एक
अच्छा
स्रोत
है।
विटामिन
हड्डियों
की
मजबूती
से
और
घनत्व
को
बनाए
रखने
में
भी
मदद
कर
सकता
है।
एक
मध्यम
हरा
टमाटर
लगभग
12.5
माइक्रोग्राम
विटामिन
K
प्रदान
करता
है।
चूंकि
विटामिन
K
वसा
में
घुलनशील
होता
है,
इसलिए
इसे
स्वस्थ
वसा
स्रोतों
के
साथ
मिलाने
से
इसका
अवशोषण
बढ़
सकता
है।
कच्चे
टमाटर
का
इस्तेमाल
करते
हुए
रखें
इन
बातों
का
ध्यान
अधिकतम
लाभ
के
लिए
हमेशा
पके
और
पतले
छिलके
वाले
टमाटर
ही
खाएं।
आपको
ध्यान
देना
चाहिए
कि
हरे
होने
का
मतलब
यह
नहीं
है
कि
वे
कच्चे
हैं।
ज्यादा
कच्चे
टमाटर
भी
नहीं
खाने
से
चाहिए।
इन्हें
इस्तेमाल
से
पहले
इसे
कई
दिनों
तक
धूप
में
रखें।
इसके
बाद
ही
इसका
सेवन
करें।
क्योंकि
कच्चे
टमाटर
में
जहरीला
पदार्थ
हो
सकता
है,
जिससे
फूड
पॉइजनिंग
हो
सकती
है।
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