Sunday, April 24, 2022
Homeलाइफस्टाइलवरुथिनी एकादशी व्रत में यह कथा पढ़े बिना नहीं मिलता पूरा फल

वरुथिनी एकादशी व्रत में यह कथा पढ़े बिना नहीं मिलता पूरा फल


Varuthini Ekadashi Vrat Katha: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी के महत्व को बताते हुए श्री कृष्ण भगवान कहते हैं कि जो व्यक्ति वरुथिनी एकादशी व्रत विधि-विधान से रखता है उसके समस्त प्रकार के सांसारिक पाप मिट जाते हैं और वह स्वर्ग लोक को प्राप्त करता है. वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. पूजा के दौरान व्रत कथा का पठन किया जाता है. व्रत कथा बिना सुनें या पढ़े इस एकादशी का पूरा लाभ नहीं मिलता है. आइये जानें व्रत कथा एवं तिथि.

वरुथिनी एकादशी व्रत की कथा

एकबार भगवान श्रीकृष्ण ने वरुथिनी एकादशी व्रत कथा का महत्व धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाते हुए कहा कि प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा राज करता था. एक बार राजा जंगल में तपस्या में लीन था तभी एक जंगली भालू आया और राजा का पैर चबाते हुए उसे घसीटकर ले जाने लगा. तब राजा मान्धाता ने अपनी रक्षा के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की. राजा की पुकार सुनकर भगवान विष्णु प्रकट हुए और अपने चक्र से भालू को मार दिया.

चूँकि राजा का पैर भालू खा चुका था इसलिए राजा अपने पैर को लेकर बहुत परेशान हो गए. तब  भगवान विष्णु अपने भक्त को दुखी देख कर बोले- ‘हे वत्स! शोक मत करो. तुम मथुरा जाओ और वरुथिनी एकादशी का व्रत रखकर मेरी वराह अवतार मूर्ति की विधि विधान से पूजा करो. उसके प्रभाव से तुम्हारे पैर ठीक और बलशाली हो जायेंगे. राजा मान्धाता ने वैसा ही किया. इसके प्रभाव से वह सुंदर और संपूर्ण अंगों वाला हो गया. अतः जो भी भक्त वरुथिनी एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु का ध्यान करता है तो  उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. तथा वह स्वर्ग लोक को प्राप्त करता है.  

वरुथिनी एकादशी तिथि

एकादशी तिथि की शुरुआत  26 अप्रैल दिन मंगलवार सुबह 01 बजकर 36 मिनट से हो रही है और इसका समापन 27 अप्रैल दिन बुधवार रात्रि 12 बजकर 46 मिनट पर है. ऐसे में व्रत  26 अप्रैल, मंगलवार के दिन रखा जाएगा.

पारण का समय 27 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 41 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 22 मिनट के बीच होगा.

वरुथिनी एकादशी व्रत के पूर्ण फल प्राप्ति के लिए रखें इन बातों का ध्यान, इन 9 नियमों का पालन है जरूरी

Varuthini Ekdashi 2022: वरुथिनी एकादशी कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा का महत्व और पारण का समय

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



Source link

  • Tags
  • Ekadashi 2022
  • vaishakh ekadashi 2022
  • varuthini ekadashi 2022
  • Varuthini Ekadashi 2022 Vrat Katha
  • Varuthini Ekadashi Vrat Katha
  • वरूथिनी एकादशी
  • वरूथिनी एकादशी व्रत कथा
  • वैशाख एकादशी
  • वैशाख माह
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular