लोहड़ी का पर्व और उससे जुड़ी मान्यताएं जीवन और प्रकृति से जुड़ी हैं. यह पर्व एक संप्रदाय तक सीमित नही है अपितु यह पर्व प्रकृति के बदलाव को भी दर्शाता है और जीवन को इस बदलाव के साथ विकसित होने का संदेश भी देता है. साल के आरंभ का यह पहला पर्व बहुत ही हर्षो उल्लास के साथ मना जाता रहा है. लोहड़ी का त्यौहार मुख्य रुप से पंजाब की ओर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है और इस पर्व के अवसर पर सभी लोग साथ मिलकर एकता और प्रेम का परिचायक बनते हैं. इस अवसर पर खुले स्थानों पर लकड़ियों को एकत्रित करके उन्हें जलाया जाता है तथा मक्का, मूंगफली आदि को उस अग्नि में डाल कर पूजा की जाती है. अग्नि की परिक्रमा करते हुए जीवन में सुख समृद्धि की कामना की जाती है. इस अवसर को कृषी, भाईचारे, मौसम के बदलाव, नई खुशियों के आगमन इत्यादि से जुड़ा माना जाता है और कोई न कोई कथा इस त्यौहार के साथ संबंधित है. आईये जाने इस पर्व से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
मकर संक्रांति के आगमन का संदेश
लोहड़ी का पर्व मकरसंक्रांति से एक दिन पूर्व ही मनाया जाता है ऎसे में इस पर्व को इसके आगमन का सूचक भी माना जाता है. इस दिन पर रात के समय अग्नि को जलाया जाता है और पूजा द्वारा सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं और सभी लोग एक दूसरे के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार द्वारा आपस में मजबूत गठजोड़ को दर्शाते हैं. पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में इस उत्सव की खास धूम देखने को मिलती है नए साल के आगमन का संदेश ही है.