यूक्रेन सरकार का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में मिली रकम अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की ओर से दिए गए फंड की तुलना में काफी कम है। हालांकि, इंटरमीडियरीज के नहीं होने से वह क्रिप्टोकरेंसी से बहुत जल्द फंड प्राप्त करने में सक्षम हुई। बैंक ट्रांसफर से मिलने वाले फंड के यूक्रेन सरकार के खातों तक पहुंचने में कई दिन लगते हैं। क्रिप्टोकरेंसी से कुछ ही मिनटों में फंड मिल जाता है। इससे ऐसे देशों के लिए क्रिप्टोकरेंसी के महत्व का पता चलता है जिनका फाइनेंशियल और इकोनॉमिक सिस्टम कमजोर है। क्रिप्टोकरेंसी के कुछ नकारात्मक पहलू भी इस युद्ध के दौरान दिखे हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि रूस के बैंकिंग सिस्टम पर कई देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद रूस के बहुत से नागरिक अपनी रकम को बचाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। रूस की करेंसी रूबल की वैल्यू में भारी गिरावट आने के कारण क्रिप्टोकरेंसी में फंड रखने से इन लोगों को नुकसान से बचने में मदद मिल रही है। यह तरीका रूस की सरकार, कंपनियों और बड़े कारोबारियों के लिए भी कारगर हो सकता है।
हालांकि, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने की जरूरत भी बढ़ी है। इसके लिए विभिन्न देशों को एक संतुलित ढांचा बनाने पर विचार करना होगा। इसका लक्ष्य क्रिप्टोकरेंसी की एफिशिएंसी को बरकरार रखते हुए इसका प्रतिबंधों से बचने के लिए अवैध तरीके के तौर पर इस्तेमाल होने की आशंका को न्यूनतम करना होना चाहिए। अमेरिका सहित बहुत से देशों में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कानून बनाने पर काम किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी के लिए संतुलित रेगुलेशंस होने से इसके गलत इस्तेमाल और इसकी एफिशिएंसी को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
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