इस बारे में EU की ओर से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि EU में मौजूद क्रिप्टो एक्सचेंजों को पहले से उन प्रतिबंधों को लागू करने की जरूरत थी जिनके तहत पहचाने गए लोगों को ट्रांजैक्शंस की अनुमति नहीं देना शामिल है। हालांकि, इसके बावजूद यह आशंका थी कि रूस के रईस इन प्रतिबंधों से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्टेटमेंट के अनुसार, “रूस को अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टो सर्विसेज देने पर रोक से इस आशंका सो दूर किया जा सकेगा। इसके अलावा रूस के ऐसे लोगो को एडवाइज नहीं देने से उनके लिए EU में अपनी संपत्ति को रखना बहुत मुश्किल होगा।”
EU ने बताया है कि प्रतिबंधों में क्रिप्टो वॉलेट्स के लिए डिपॉजिट्स पर रोक भी शामिल है। इसके साथ ही रूस के चार बैंकों के साथ ट्रांजैक्शंस पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। इससे ये बैंक अब अन्य मार्केट्स से कट गए हैं। इन बैंकों के एसेट भी जब्त किए जाएंगे। रूस के बैंकिंग सेक्टर में इनकी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से अधिक की है।
हाल ही में EU के सिक्योरिटीज, बैंकिंग और इंश्योरेंस रेगुलेटर्स ने चेतावनी दी थी कि क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने वाले लोगों के लिए उनकी पूरी रकम गंवाने का रिस्क है। EU की तीनों अथॉरिटीज की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया था किअगर लोग ये एसेट्स खरीदते हैं तो उनके इनवेस्टमेंट की पूरी रकम का नुकसान होने की काफी आशंका है। EU अथॉरिटीज की ओर से क्रिप्टो एसेट्स को लेकर लोगों को यह सीधी चेतावनी थी। इससे संकेत मिलता है कि क्रिप्टो में इनवेस्टमेंट करने वालों के पास EU के फाइनेंशियल सर्विसेज कानून के तहत कोई सुरक्षा या मुआवजे का प्रावधान नहीं है। रेगुलेटर्स इससे चिंतित हैं कि Bitcoin और Ether सहित क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने वालों की संख्या बढ़ रही है। क्रिप्टो के कुल मार्केट में Bitcoin और Ether की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत की है। रेगुलेटर्स का कहना है कि लोगों को क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े रिस्क की पूरी जानकारी नहीं है।
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