राष्ट्रपति पुतिन ने क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन विषय से अपने भाषण की शुरुआत की। कहा कि वह इस मामले में हो रही चर्चाओं से परिचित हैं। इन मुद्दों को देश का सेंट्रल बैंक देख रहा है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग से कुछ फायदे भी हैं। उनका मतलब देश में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता और उन ट्रेंड लोगों से था, जो क्रिप्टो माइनिंग के उस्ताद बन गए हैं। पुतिन के बयान से लगता है कि वह देश में क्रिप्टो माइनिंग को चालू रखने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले उचित नियम और मैनेजमेंट चाहते हैं।
उन्होंने सेंट्रल बैंक ऑफ रूस को सरकार के सदस्यों के साथ चर्चा के बाद क्रिप्टो स्पेस के बारे में फैसला लेने का निर्देश दिया। कहा कि सेंट्रल बैंक, तकनीक में हमारी प्रगति के रास्ते में नहीं खड़ा है। मैं रूस की सरकार और सेंट्रल बैंक को एक राय पर आने के लिए कहूंगा। क्रिप्टो क्षेत्र के प्रति पुतिन का नरम रवैया उस प्रस्ताव के एक हफ्ते बाद सामने आया है, जिसमें रूस के सेंट्रल बैक ने क्रिप्टो से जुड़ी सभी गतिविधियों पर बैन लगाने की बात कही है।
रूस में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बनी अनिश्चितता की वजह से दुनियाभर में क्रिप्टो मार्केट संकट से जूझ रहा है। हालांकि अभी भी क्रिप्टो सेक्टर को लेकर रूस के आधिकारिक रुख का इंतजार है।
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में एडवांस कंप्यूटरों पर मुश्किल एल्गोरिदम को सॉल्व करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में काफी बिजली खर्च होती है, क्योंकि उन एडवांस कंप्यूटिंग मशीनों को हर समय प्लग-इन रखना पड़ता है। रूस में घरेलू इस्तेमाल के लिए बिजली की कीमत 0.06 डॉलर (लगभग 5 रुपये) प्रति किलोवाट-घंटे और बिजनेस के लिए 0.08 डॉलर (लगभग 6 रुपये) है।
इसके मुकाबले फ्रांस में घरेलू इस्तेमाल के लिए बिजली की कीमत 0.2 डॉलर (लगभग 15 रुपये) और बिजनेस के लिए 0.14 डॉलर प्रति किलोवाट है। रूस में बिजली की सस्ती कीमतों के कारण देश में क्रिप्टो माइनिंग ने तेज हो गई है। इससे कुछ इलाकों को बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्वी रूस के इरकुत्स्क रीजन में लोगों ने अपने घरों, गैराज और यहां तक कि बालकनियों में अवैध क्रिप्टो माइनिंग सेंटर बनाए हुए हैं। इसे ‘ग्रे माइनिंग’ कहा जाता है। इरकुत्स्क इलेक्ट्रिक ग्रिड कंपनी (IESC) के अनुसार, पिछले साल इस रीजन में बिजली की खपत में 108 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लोकल प्रशासन ने इलाके में छापेमारी करके ग्रे माइनिंग के 1100 मामलों का खुलासा किया है।