नई दिल्ली. रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का टीम इंडिया (Team India) के हेड कोच के तौर पर 4 साल का कार्यकाल पिछले महीने ही खत्म हुआ. उनकी कोचिंग में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 2 बार टेस्ट सीरीज हराने में सफल रही. लंबे वक्त तक टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 रही. भारत ने शास्त्री की कोचिंग में साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया में टी20 सीरीज जीती. हालांकि, टीम आईसीसी का कोई खिताब नहीं जीत सकी. लेकिन पहली बार हुई विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेली. जहां भारत को न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से शिकस्त दी थी. इसके अलावा शास्त्री ने भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई.
टीम इंडिया के हेड कोच के तौर पर शास्त्री का 4 साल का सफऱ उतार-चढ़ाव भरा रहा. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में अपने कार्यकाल, विराट कोहली से रिश्ते और इस जिम्मेदारी को छोड़ने की वजह पर खुलकर बात की. शास्त्री जुलाई 2017 में टीम इंडिया के हेड कोच नियुक्त हुए थे. उनकी नियुक्ति से लेकर शुरू हुआ विवाद आखिरी टूर्नामेंट तक जारी रहा. हालांकि, वो फिर भी पूरी शिद्दत से इस जिम्मेदारी को निभाते रहे. अब इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि कब उन्होंने पद छोड़ने का मन बनाया था.
शास्त्री ने बताया कि, इस साल इंग्लैंड दौरे के लिए रवाना होने से पहले ही मैंने यह मन बना लिया था कि अब आगे बढ़ने का वक्त आ गया है. इसकी वजह क्या थी? इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने के पीछे दो बड़ी वजह थी. सबसे पहली यह कि मैं 60 साल का होने जा रहा था और इस पद पर बने रहने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कुछ नियम थे. दूसरी वजह यह थी कि मुझे पता था कि क्वारंटीन और बायो-बबल न्यू नॉर्मल होगा. आने वाले 2 साल तक यह कहीं नहीं जाने वाले हैं. क्रिकेट आइसोलेशन में ही खेला जाएगा और यह अभी नजर भी आ रहा है. हर जगह क्रिकेट इसी तरह खेला जा रहा है. तो मैंने खुद से कहा कि अब बहुत हो गया है. आखिर यह कब तक चलेगा ? बस इसी के बाद मैंने पद छोड़ने का इरादा कर लिया था.
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप जीत नहीं पाने का हमेशा रहेगा मलाल: शास्त्री
शास्त्री ने अपने पद छोड़ने को लेकर अपनी वजहें बताईं हैं. लेकिन, बीसीसीआई भी उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाने का मूड बना चुकी थी. क्योंकि शास्त्री के कोच रहते भारतीय टीम ने द्विपक्षीय सीरीज में तो अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन आईसीसी ट्रॉफी जीतने में हर बार नाकाम रही. खुद शास्त्री को भी इस बात का मलाल है. उन्होंने इस इंटरव्यू में खुलकर इस बार बात की. शास्त्री ने कहा कि इस टीम ने कई बड़ी उपलब्धियां पहली बार हासिल कीं. लेकिन फिर भी ऐसी कई नाकामियां हैं जो मुझे खलती हैं. इस टीम के साथ हम एक, दो नहीं, बल्कि 3 बार आईसीसी ट्रॉफी जीतने से चूक गए. लेकिन आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप की हार मुझे सबसे ज्यादा खलती है. क्योंकि हम 5 साल टेस्ट में नंबर-1 रहे और हम एक मैच हारने के हकदार नहीं थे.
‘टी20 विश्व कप में भी हम बेस्ट नहीं थे’
उन्होंने आगे कहा कि, हम क्वारंटीन में थे. न्यूजीलैंड की तैयारी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के लिहाज से बेहतर थी. वो इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतकर हमारे खिलाफ उतरे थे. इंग्लैंड में कंडीशंस उनके घर के हिसाब से थी. लेकिन हमें कम से कम मैच ड्रॉ कराना चाहिए था. खासकर तब जब हमने अच्छी शुरुआत की थी. यह हार मुझे आखिरी तक खलती रही. हमारे पास 2019 विश्व कप में भी आईसीसी ट्रॉफी जीतने का मौका था. लेकिन चूक गए और फिर 2021 का टी20 विश्व कप में बाहर होना. ईमानदारी से कहूं तो हम बेस्ट टीम के बराबर नहीं थे.
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