Diseases which effects Men’s Health: पुरुष अक्सर अपने ऑफिस के काम, घर की जिम्मेदारियों को निभाने के प्रति इतने व्यस्त रहते हैं कि अक्सर वे अपनी ही सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं. न तो सही से खाते हैं, न एक्सरसाइज करते हैं और न ही चैन की नींद सोते हैं. ऐसे में महिलाओं के मुकाबले उनमें कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा अधिक रहता है. ज्यादातर पुरुषों को अपने परिवार, नौकरी, बच्चों के भविष्य, आर्थिक स्थिति आदि को बेहतर बनाने की फिक्र, चिंता रहती है, इससे उनमें तनाव, एंग्जायटी बढ़ जाता है. ध्यान रखें, तनाव कई रोगों को जन्म देता है. 35 की उम्र पार करने के बाद आपको अपनी सेहत के प्रति सतर्क हो जाना चाहिए और हेल्दी डाइट, वर्कआउट, रूटीन बॉडी चेकअप करवाने के बारे में सोचना चाहिए. जानें, बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में किन बीमारियों के होने का खतरा (serious diseases in men) रहता है अधिक…
पुरुषों को रहता है इन बीमारियों के होने का अधिक जोखिम
महिलाओं की तुलना में पुरुष डॉक्टर के पास बहुत कम जाते हैं, फिर चाहे उन्हें कोई शारीरिक परेशानी भी हो. अधिकतर पुरुषों की ये सोच होती है कि जब तक वे काम कर रहे हैं, प्रोडक्टिव हैं, तब तक वे हेल्दी हैं. इसी सोच के कारण वे डॉक्टर के पास जाने से बचते हैं और अंदर ही अंदर उन्हें हार्ट डिजीज, लंग कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, डिप्रेशन, डायबिटीज, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसे रोग हो जाते हैं.
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
उम्र बढ़ने के साथ ही पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की समस्या बढ़ जाती है. यह एक सेक्सुअल रोग है, जिसके कारण सेक्स लाइफ प्रभावित होती है. इससे स्ट्रेस, डिप्रेशन भी हो सकता है. वेबएमडी की खबर के अनुसार, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जीवन के लिए खतरा नहीं है, लेकिन बावजूद इसके इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. 70 से अधिक उम्र के दो-तिहाई पुरुषों और 40 साल के 39% पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होती है. इस समस्या से ग्रस्त लोगों में डिप्रेशन होने की संभावना अधिक होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इरेक्टाइल डिसफंक्शन हृदय रोग के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी का संकेत है.
डायबिटीज होने का रहता है जोखिम
आजकल डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिजीज बन गई है. डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर हाई हो जाता है, बार-बार पेशाब लगता है, प्यास लगती है, थकान महसूस होता है. ये लक्षण आपमें नजर आएं, तो डॉक्टर से जरूर मिलें. ग्लूकोज लेवल हाई होने से यह शरीर में मौजूद ब्लड वेसल्स और नसों में धीमे जहर की तरह असर करता है. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अंधापन, किडनी फेल, एम्प्यूटेशन हो सकता है. मोटापा, एक्सरसाइज न करना, अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स, दिन भर बैठकर काम करते रहना, कम सोना, शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना, डायबिटीज होने की संभावनाओं को बढ़ा देते हैं.
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पुरुषों को अधिक होता है डिप्रेशन
यदि आप मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से परेशान हैं, तो आपको डिप्रेशन होने की संभावना अधिक है. डिप्रेशन होने पर ब्रेन केमिकल्स, स्ट्रेस हार्मोन्स बैलेंस में नहीं रहते हैं. भूख, नींद, एनर्जी लेवल सब कुछ प्रभावित होने लगती है. शोध कहते हैं कि जिन पुरुषों में डिप्रेशन की समस्या होती है, उनमें हार्ट डिजीज होने की संभावना अधिक होती है. डिप्रेशन का इलाज थेरेपी, मेडिकेशन आदि से किया जाता है, लेकिन समय रहते लक्षणों को पहचानकर डॉक्टर से जरूर मिलें.
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा
उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों में प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं, जिसमें प्रोस्टेट कैंसर मुख्य है. पुरुषों में एन्लार्ज्ड प्रोस्टेट की समस्या भी उम्र बढ़ने के साथ अधिक होती है. प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है. इसका इलाज समय पर ना कराएं, तो यह जानलेवा हो सकता है. बेहतर है कि 35 की उम्र पार करते ही, प्रोस्टेट की स्क्रीनिंग, रूटीन चेकअप जरूर कराएं. प्राइवेट पार्ट में किसी भी तरह की कोई समस्या महसूस हो, तो बिना संकोच किए डॉक्टर से संपर्क करें.
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कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का रिस्क पुरुषों में अधिक
विश्व भर में पुरुषों और महिलाओं में हार्ट डिजीज और स्ट्रोक मृत्यु होने के पहले और दूसरे प्रमुख कारण हैं. हृदय रोग होने पर कोलेस्ट्रॉल प्लेक धीरे-धीरे हृदय और मस्तिष्क की धमनियों को ब्लॉक कर देता है. प्लेक के अस्थिर हो जाने पर ब्लड क्लॉट बन जाता है, जिससे आर्टरीज में बाधा उत्पन्न होने लगती है और दिल का दौरा या स्ट्रोक होता है. यदि आप हार्ट डिजीज से बचे रहना चाहते हैं, तो 25 की उम्र पार करते ही प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल में कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक कराएं. हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखें. स्मोकिंग न करें. प्रत्येक दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करें. ट्रांस फैट कम और सब्जी, फल अधिक खाएं.
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